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70% फसल बर्बाद, अभी तक नहीं हो पाया सर्वेक्षण
डिजिटल डेस्क, कोंढाली/कुही (नागपुर)। मौसम में अचानक हुए बदलाव के बाद जिले भर में तेज हवा के साथ ही ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत साबित हुई। अचानक हुई बारिश का सबसे ज्यादा असर काटोल व कुही तहसील में दिखाई दिया। कुही तहसील में जहां मिर्ची, सोयाबीन व मूंग की फसलों का नुकसान हुआ, वहीं काटोल तहसील के कोंढाली परिक्षेत्र में संतरा, मौसंबी (अंबिया बहार), साग-सब्जी व फूलों की खेती बड़े पैमाने पर तबाह हो गई।
विभाग खामोश है
कुही तहसील में गत सप्ताह लगातार बारिश का दौर जारी रहा। रुयाड, देवलीकला, देवली खुर्द, खुर्सापार व अन्य गांवों में लगातार बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि से मिर्ची, सोयाबीन और मूंग जैसी फसलों का भारी नुकसान हुआ है। डोंगरमौदा, चिकणा, धामणा के किसानों ने बताया कि बेमौसम बारिश ने 60 से 70 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। तहसील में मिर्ची, सोयाबीन,गन्ना, संतरा, मूंग जैसी फसलों का भारी मात्रा में नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक तहसील, कृषि विभाग द्वारा किसी भी प्रकार का नुकसान का सर्वेक्षण नहीं किया गया।
रिपोर्ट मंगवाता हूं
आपदा की स्थिति में तहसीलदार आदेश देते हैं। उसके बाद पटवारी, कृषि सहायक और ग्रामसेवक मौके पर जाकर संयुक्त पंचनामा करते हैं, लेकिन अभी तक तहसीलदार द्वारा आदेश नहीं दिया गया। फिर भी सोमवार से सभी कृषि सहायक, सुपरवाइजर को आदेश देकर नुकसान रिपोर्ट मंगवाता हूं। -श्री. राऊत, तहसील कृषि अधिकारी, कुही
किसानों की कमर टूटी
बेमौसम बारिश ने सब्जी, फूल, बागानों के साथ संतरा तथा मौसंबी (अंबिया बहार) फसलों के उत्पादक किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। गत 27 अप्रैल से जारी बेमौसम बारिश के साथ ही दो-चार दिन पहले तेज हवा के साथ जोरदार बारिश का सिलसिला रुक-रुककर जारी रहा। दिन भर हुई बारिश ने किसानों की सब्जी खासकर टमाटर, बैंगन, सेम (वाल), तरबूज, कद्दू, ककड़ी, मिर्ची तथा फूल उत्पादकों के झंडू, कुड़ी, शेवंती आदि का काफी नुकसान हुआ।
शासन को भेजी गई रिपोर्ट
कोंढाली कृषि मंडल अधिकारी विक्रम भवारी ने बताया कि गत माह अतिवृष्टि तथा ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह तथा मई के पहले सप्ताह में हुई बेमौसम बारिश से हुए फसलों की रिपोर्ट जल्द तैयार की जाएगी। -सुरेश कन्नाके, कृषि अधिकारी काटोल तहसील
किसानों की व्यथा
काटोल तहसील के कोंढाली मेटपांजरा प्रभागों के खुर्सापार के किसान योगेश गोतमारे के चार एकड़ खेत में लगी ककड़ी तथा टमाटर, पिंजराकाटे के किसान शामराव तायवाड़े की 15 एकड़ में लगे फूल तथा टमाटर, अविनाश पवार के पांच एकड़ में तरबूज, दुधाला के शहाजी जाधव की आठ एकड़ में मिर्ची, कद्दू, वाल (सेमी,चवलाई), सुदाम कावड़कर की टमाटर, वाल, बैंगन, बिहालगोंदी के किसान सचिन तायवाड़े की चार एकड़ में बैंगन तथा टमाटर, खापरी बारोकर, जूनापानी, चंदनपारडी के फूल किसान गुणवंत खवसी, संदीप खवसे, धनराज चोपड़े, राजू गोर्हे, लक्ष्मण हिंगवे, खुर्सापार के किसान नेतराम तायवाडे, वीरेंद्र तायवाडे, शिर्मी के सुभान खान पठान, दुधाला के नबीऊल्ला खान पठान, फिरोज खान पठान तथा संतरा- मौसंबी उत्पादक कोंढाली के सुरेंद्रसिंह व्यास, महेंद्र ठवले, रमेश वंजारी, बालासाहेब जाधव, मासोद के प्रकाश बारंगे, कामठी के राजू बारंगे, राजू धारपुरे आदि की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा। क्षेत्र के कोंढाली, दुधाला, बिहालगोंदी, पांजरा काटे, मासोद, जाटलापुर, कामठी, धुरखेड़ा, बोरगांव, चिखली, खैरी, धामनगांव, खापरी, शिर्मी, जामगढ़ मासोद तथा समीपस्थ गांवों में बेमौसम बारिश से भारी नुकसान हुआ है।
Created On :   6 May 2023 4:34 PM IST