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राहत: साल भर जल संकट नहीं, बांध लबालब
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इस साल पर्याप्त बरसात नहीं होने को लेकर जलसंपदा विभाग समेत नागरिकों और किसानों में चिंता की स्थिति बन गई थी, लेकिन पिछले दो सप्ताह में भारी बरसात से पर्याप्त जलसंचय हो गया है। जिले के पांच बड़े और 12 मध्यम श्रेणी समेत सभी बांध अब लबालब हो चुके हैं। पांचों बड़े बांधों में पर्याप्त मात्रा से अधिक जलसंचय होने से गेट को खोलकर जलविसर्ग भी आरंभ कर दिया गया है। जलसंपदा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पेयजल के साथ ही सिंचाई के लिए पर्याप्त जलसंचय हो चुका है।
5 बड़े बांधों के गेट खुले : जिले के पांच बड़े बांधों में तोतलाडोह और रामटेक खिंडसी शत प्रतिशत भर गया है। ऐसे में तोतलाडोह बांध के 14 में से 4 गेट, कामठी खैरी में 99 फीसदी जलसंचय होने पर 16 में से 2 गेट, नांद प्रकल्प में 95 फीसदी जलसंचय पर 7 में से 2 गेट और वड़गांव बांध में 98 फीसदी जलसंचय पर 21 में से 3 गेट को खोला गया है। इसके साथ ही रामटेक खिंडसी में भी पर्याप्त से अधिक जलसंचय होने से जलविसर्ग आरंभ किया गया है। इन बांधों की स्थिति को लेकर जलसंपदा विभाग प्रतिदिन दो मर्तबा जलसंचय की स्थिति पर निगरानी रखे हुए है। जिले के पांचों बड़े बांधों की कुल जलसंचय क्षमता 1449 दशलक्ष घनमीटर है। पिछले साल इन बांधों में 22 सितंबर तक 1291 दशलक्ष घनमीटर जलसंचय पाया गया था, जबकि इस साल इसमें बढ़ोतरी हो गई है। इस साल पांचों बांध में 1436 दशलक्ष घनमीटर जलसंचय हो चुका है।
मध्यम श्रेणी के बांध भर चुके हैं : जिले के 12 मध्यम श्रेणी के बांधों में 10 पूरी तरह से भर चुके हैं, इनमें चंद्रभागा बांध, मोरधाम बांध, उमरी बांध, खेकरानाला बांध, वेणा बांध, कान्होलीबारा बांध, पांढराबोड़ी बांध, मकरधोकड़ा बांध, सायकी बांध और जाम प्रकल्प का समावेश है। इसके अलावा केसरनाला बांध में 96 फीसदी और कोलार बांध में 90 फीसदी जलसंचय हुआ है।
पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त जलसंचय : जिले में इस साल आरंभिक काल में कम मानसून से चिंता की स्थिति हुई थी, लेकिन सितंबर माह में पर्याप्त से अधिक मात्रा में जलसंचय हो चुका है। ऐसे में अब पांच बड़े और 12 मध्यम बांधों में स्थिति बेहद संतोषजनक हो चुकी है। पेयजल के साथ सिंचाई के लिए पूरे साल भर की योजना बनाई जाएगी। -विवेक झाड़े, उपअभियंता, जलसंपदा विभाग
Created On :   27 Sept 2023 11:26 AM IST