कार खरीदने के नाम पर मित्र से1.30 करोड़ की धोखाधड़ी

कार खरीदने के नाम पर मित्र से1.30 करोड़ की धोखाधड़ी
मित्र के दस्तावेज से बना डाली फर्जी कंपनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कार खरीदने के नाम पर एक आरोपी ने पत्नी के साथ मिलीभगत कर अपने ही दोस्त के साथ दगाबाजी की। उसके दस्तावेज लेकर उसी के नाम से फर्जी शेल कंपनी बनाई और करीब 1.30 करोड़ रुपए से अधिक का बैंक ट्रांजेक्शन खरीद-फरोख्त के नाम पर जीएसटी के फर्जी बिल पेश कर यह घाेटाला किया। पीड़ित आशीतोष उर्फ आशु कुथे को आरोपी राहुल कमल कुमार जैन और उसकी पत्नी श्रृति राहुल जैन की करतूत के बारे में पता चला, तब वह हुडकेश्वर थाने में शिकायत करने गया। पुलिस ने शिकायत लेने में आना-कानी की, तो आशु ने न्यायालय में गुहार लगाई। न्यायालय के आदेश पर आखिर हुडकेश्वर पुलिस को आरोपी दंपति के खिलाफ फर्जी कंपनी बनाकर जीएसटी घोटाला करने के आरोप में ठगी का मामला दर्ज करना पड़ा।

आशु ने राहुल से 1.25 लाख रुपए लिया था उधार : सूत्रों के अनुसार, प्लॉट नंबर 119 प्रभात नगर नरसाला रोड हुडकेश्वर निवासी आशीतोष उर्फ आशु नरेंद्र कुथे ने हुडकेश्वर थाने में शिकायत की है। उसने पुलिस को बताया कि कार खरीदी के नाम पर उसके दोस्त राहुल जैन ने अपनी पत्नी श्रृति जैन के साथ मिलकर 1 नवंबर 2022 से 26 जून 2023 के दरमियान धोखाधड़ी की। पीड़ित ने बताया कि नेहरु पुतला इतवारी नागपुर निवासी राहुल जैन (38) के साथ करीब 10 साल से उसके पारिवारिक संबंध हैं। राहुल जैन का निर्माणकार्य का व्यवसाय है। वह खुद को राजनीतिक पार्टी का पदाधिकारी भी बताया करता था। आशु एक निजी कंपनी में काम करता है। कोरोना काल में राहुल से उसने करीब 1.25 लाख रुपए आर्थिक तंगी के चलते मदद के तौर पर लिया था। यह रकम आशु ने लौटा दी। तब राहुल ने कहा था कि हम परिवार की तरह हैं। एक दूसरे की मदद करते रहेंगे।

घर जाकर आशु से पूछा था तुम्हारा सिविल शूट कैसा है : आशु ने बताया कि 1 नवंबर 2022 को राहुल पत्नी के साथ मेरे घर आया। बात-बात में कार खरीदने के बहाने सिविल शूट की जानकारी ली और दस्तावेज मांगे। कोरोना काल में चूंकि उन्होंने मेरी मदद की थी, इसलिए मैंने आधारकार्ड, पैनकार्ड, बिजली बिल, कर रसीद व खाता विवरण के दस्तावेज दे दिया। मेरे पास चेक नहीं थे। फिर उनके कहने पर मैं छापरुनगर स्थित एक्सिस बैंक गया। जैन दंपति की अच्छी पहचान होने से वहां बैंक खाता खुल गया और दो दिन में चेक बुक भी मिल गया। 15 चेक पर हस्ताक्षर करके मैंने जैन दंपति को दे दिया।

मैसेज आने पर घपलेबाजी आई सामने : चेक लेने के बाद राहुल ने दोबारा फोन नहीं किया। जनवरी 2023 में जब आशु के मोबाइल पर जीएसटी विभाग से मैसेज आया, तब उसे आरोपी जैन दंपति की करतूत के बारे में पता चला। फरवरी में दोबारा मैसेज आने पर आशु ने राहुल जैन को फोन लगाया, तब राहुल ने कहा कि ऐसे मैसेज आते रहते हैं, तुम ध्यान मत दो। आशु को जो मैसेज आए थे, उसमें करीब 1.30 करोड़ के जीएसटी घोटाले के बारे में जानकारी दी गई थी। आशु ने बताया कि जब कुछ दोस्तों के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास गया, तब पता चला कि उसके नाम पर फर्जी कंपनी (साईराम इंटरप्राइजेस) बनाकर बड़ी लेन-देन की गई, जिसमें जीएसटी घोटाला किया गया है। साईराम इंटरप्राइजेस कंपनी का आशु को मालिक बताया गया, जबकि उसने कोई कंपनी शुरू नहीं की थी।

Created On :   29 Jun 2023 10:49 AM IST

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