- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- नागपुर के 10 ठिकानों पर इनकम टैक्स...
नागपुर के 10 ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा
सुनील हजारी , नागपुर। इनकम टैक्स की मुंबई, पुणे और दिल्ली की टीम ने नागपुर के 10 ठिकानों पर छापे मारे। आखिर इन लोगों का आपस में क्या कनेक्शन है? किस कारण एक साथ छापे पड़े? इसमें शहर का एक सबसे चर्चित नाम प्यारे खान का क्या रोल है? इस पर दैनिक भास्कर की पड़ताल में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। इनकम टैक्स और ईडी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरा घोटाला रवि अग्रवाल के 500 करोड़ से अधिक की काली कमाई को शेल कंपनियों के माध्यम से खपाने का है, जिसे नागपुर, मुंबई, अहमदाबाद और कानपुर की कई कंपनियों में इन्वेस्ट किया गया।
कहानी डब्बा कारोबार से शुरू हुई
कारोबारी रवि अग्रवाल ने डब्बा कारोबार से 2008 से लेकर 2016 तक करोड़ों की काली कमाई की। इस कारोबार को 2017-2018 में हाईटेक किया गया। जिस तरह वर्तमान में कई कंपनियां जुआ खिला रही हैं, उसी तरह डब्बे कारोबार के लिए विशेष सॉफ्टवेयर बनाए गए, जो ऑनलाइन काम करते हैं। इसमें अब तक करीब 500 करोड़ से अधिक की काली कमाई हुई, जिसकी अधिकांश रकम कैश थी।
शेेल कंपनियों से कई कंपनियों में पहुंची रकम
रवि अग्रवाल ने अपने कारोबार को समय के साथ हाईटेक कर दिया। इसके लिए कई एक्सपर्ट को हायर किया। अधिकांश कैश रकम को ठिकाने लगाने और उसे वापस लाने के लिए विशेषज्ञों ने शेेल कंपनियों का आइडिया दिया। शुरुआत में कोलकता में कुछ डमी कंपनी बनाई, जिससे करोड़ों का कारोबार होना दिखाया। इन कंपनियों का अधिकांश कारोबार एल-7 ग्रुप के साथ हुआ।
कई बड़े खुलासे के आसार
इनकम टैक्स की इस छापामार कार्रवाई की जांच में कुछ बड़े खुलासे हो सकते हैं। इनके यहां से जब्त कारोबार में किन-किन का पैसा लगा हुआ है? यह कारोबार कैसे करते हैं? कुछ सालों में ही रोड से उठकर करोड़पति कैसे बन गए? इनकम टैक्स विभाग इसकी जांच कर रहा है। भास्कर ने उपरोक्त सभी लोगों का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।
प्यारे खान सहित अन्य 9 लोगों पर इसलिए हुई कार्रवाई
इनकम टैक्स के इन छापों में सबसे चौंकाने वाला नाम नागपुर के बड़े कारोबारी प्यारे खान का था, जो ऑटो ड्राइवर से अरबपति बने। उन्होंने कोरोनाकाल में लाखों रुपए कीमत के ऑक्सीजन टैंकर का दान कर बड़ा नाम कमाया था। वर्तमान में ताजबाग ट्रस्ट के चेयरमैन की भूमिका में भी हैं। दरअसल, रवि अग्रवाल की शेल कंपनियों की रकम नागपुर के प्यारे खान सहित शैलेश लखोटिया, पारस जैन, लाला जैन, कन्नी उर्फ कन्हैया थावरानी, गोपी मालू, हेमंत तन्ना, इजराइल सेठ अौर सीए रवि बानखेड़े से संबंधित कंपनियों में लगाई गई। कुछ रकम इन्वेस्टमेंट के रूप में, तो कुछ रकम लोन के रूप में दर्शाई गई है। इसलिए संबंधित लोगों पर भी एक साथ ही इनकम टैक्स की छापामार कार्रवाई हुई। इनकम टैक्स की टीम ने प्यारे खान से रवि अग्रवाल के मुंबई में संचालित एक निजी बैंक से 8 करोड़ लेने के संबंध में पूछताछ की गई। इस मामले में प्यारे खान ने दैनिक भास्कर को बताया कि उन्होंने इनकम टैक्स विभाग द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज और जानकारी दे दी थी। वे हमारी जानकारी से संतुष्ट हैं। रही 8 करोड़ की बात तो वह लोन लिया था, जिसे चुका दिया है, मुझे पहले पता नहीं था कि वह रवि अग्रवाल से संबंधित बैंक है। अब जाकर पता चला।
डब्बा और सट्टा कारोबार से संबंधित हैं लोग
मुंबई से आई इनकम टैक्स (आयकर विभाग) की टीम ने एल-7 ग्रुप से जुड़े लोगों पर यह कार्रवाई की है, जिनमें रवि अग्रवाल, शैलेश लखोटिया, पारस जैन, लाला जैन, प्यारे खान, कन्नी उर्फ कन्हैया थावरानी, गोपी मालू, हेमंत तन्ना, इजराइल सेठ, और सीए रवि बानखेड़े शामिल हैं। नागपुर इनकम टैक्स विभाग को भी कार्रवाई में शामिल नहीं किया गया और न ही किसी तरह की अधिकृत जानकारी दी गई।
15 से 17 ठिकानों पर दबिश
इन सभी के घर और कार्यालय मिलाकर करीब 15 से 17 ठिकानों पर दबिश दी गई। कार्रवाई में कई करोड़ की बेनामी संपत्ति और हवाला कारोबार का खुलासा हुआ है। सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई देर रात तक जारी रही। सूत्रों के अनुसार, जांच पूरी होने में 2 से 3 दिन का समय भी लग सकता है। कार्रवाई में आय कर विभाग के 150 से ज्यादा अधिकारी/कर्मचारी शामिल हुए। बताया जा रहा है कि मंगलवार से ही मुंबई से अधिकारियों का नागपुर आगमन शुरू हो गया था। बुधवार सुबह भी कुछ अधिकारी नागपुर पहुंचे। अलग-अलग टीमों में बंटकर अधिकारियों ने दबिश दी। इस छापामार कार्रवाई में पुलिस के साथ सीआरपीएफ के जवानों की भी मदद ली गई।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के इनपुट पर हुई कार्रवाई
एल-7 ग्रुप निर्माण, वित्त, मीडिया, मनोरंजन, सॉफ्टवेयर, स्टील, खाद्य प्रसंस्करण, सॉर्टेक्स, आटा चक्की, क्राउड फंडिंग, वेडिंग डेस्टिनेशन, लाइफ स्टाइल फार्म हाउस जैसे क्षेत्र में जुड़ा हुआ है। ग्रुप के प्रमुख रवि अग्रवाल हैं, जिनका कारोबार नागपुर के बाहर भी फैला हुआ है। कुछ साल पहले रवि अग्रवाल का नाम डब्बा कारोबार में सामने आया था, तब पुलिस ने उन पर बड़ी कार्रवाई की थी। बड़ी आर्थिक गड़बड़ी होने के कारण पुलिस ने यह मामला प्रवर्तन निदेशालय को सौंपा था। प्रवर्तन निदेशालय की भी रवि अग्रवाल पर नजर थी। ईडी को जांच में आय से संबंधित आउटपुट मिले, जिसे उसने आय कर विभाग को सौंप दिया।
Created On :   11 May 2023 2:39 PM IST