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गडकरी के विरुद्ध प्रकरण में न्यायालय में हुई सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय भूतल परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी के विरुद्ध चुनाव याचिका पर कार्यवाही आगे ले जाने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले को आगामी 8 सितंबर को खुद या वकील के जरिये मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में हाजिर रहने के निर्देश उच्च न्यायालय ने दिए है।
2019 के लोकसभा चुनाव का मामला पटोले ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गलत शपथ-पत्र जमा कर जीत दर्ज की है। शपथ-पत्र में गडकरी ने अपनी संपत्ति, आय और व्यक्तिगत जानकारी गलत देकर मतदाताओं को गुमराह करने का दावा किया गया है। इस प्रकरण में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर की याचिका लंबित है। उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर गडकरी ने पटोले द्वारा दायर किया गया शपथ-पत्र गैर-कानूनी होने का दावा किया था। पटोले के खिलाफ सुनी गई जानकारी के आधार पर आरोप लगाने और इस बाबत पुख्ता सबूत नहीं होने का दावा गडकरी के जरिये किया गया था।
याचिका खारिज करने प्रार्थना इस प्रकरण में उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद इस प्रकरण में फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान निर्णय अपेक्षित था। उच्च न्यायालय में याचिका दीवानी स्वरूप की है। इस पर न्यायमूर्ति अतुल चांदूरकर के समक्ष सुनवाई हुई। सुनवाई में पटोले की ओर से कोई भी अधिकृत व्यक्ति न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ, जिस कारण गडकरी के वकील एड. देवेंद्र चव्हाण ने सर्वोच्च न्यायालय के डॉ. पी. नल्ला केली थेरा विरूद्ध बी.एल. शंगर व सुदरशा अवस्थी विरुद्ध शिवपाल सिंह और मुंबई उच्च न्यायालय के सुरेंद्र बोरकर विरुद्ध नारायण राणे प्रकरण का निर्णय ध्यान में रखकर चुनाव याचिका खारिज करने का निवेदन न्यायालय से किया। तत्पश्चात न्यायालय ने पटोले की इस याचिका पर कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए एक मौका देते हुए उक्त निर्देश दिए।
Created On :   6 Sept 2023 11:47 AM IST