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बाजार समितियों की जांच अंतिम चरण में, रिपोर्ट जल्द
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में नागपुर सहित पांच कृषि उपज बाजार समितियों में अनियमितता के मामलों की जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसी माह के अंत तक जांच रिपोर्ट आ सकती है। संकेत मिल रहे हैं कि जांच रिपोर्ट के आधार पर इन समितियों के कामकाज में बदलाव हो सकते हैं। यहां तक कि पणन संबंधी नियमों में भी सुधार किए जा सकते हैं। लिहाजा राजनीतिक हलचल मचने के साफ आसार हैं। जिन समितियों की जांच चल रही है उनमें नागपुर, पुणे, मुंबई, नाशिक व संगमनेर का समावेश है। खास बात है कि इन बाजार समितियों में राकांपा का प्रभाव रहा है। नए नियमों के बाद समितियों में किसान सदस्यों के अलावा अन्य दलों के कार्यकर्ताओं का अधिक समावेश हो सकता है।
अध्ययन समूह का गठन : उल्लेखनीय है कि बाजार समितियों के मामले में राज्य सरकार ने 13 सितंबर 2023 को अध्ययन समूह का गठन किया है। राज्य के पूर्व कृषि आयुक्त उमाकांत दांगट की अध्यक्षता में समिति अध्ययन कर रही है। समिति के कामकाज, किसानों को लाभ हानि के अलावा भ्रष्टाचार सहित विविध विषयों पर अध्ययन किया जा रहा है। 13 अक्टूबर को एक और आदेश जारी कर राज्य सरकार ने अध्ययन समिति के अधिकार बढ़ाए हैं। पणन, किसान, ग्राहक बाजार, ठेका कृषि अनुबंध, इलेक्ट्रानिक व्यापार मंच के अलावा पर्यायी बाजार व्यवस्था का अध्ययन करने को कहा गया है।
क्या है आशंका : कृषि बाजार समितियों के कामकाज को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री कार्यकाल में नई पेशकश की थी। समिति के चुनाव में मतदान के लिए किसानों काे अधिकार दिए जाने लगे। पणन कानून में सुधार कर 88 निजी बाजार समितियों में कृषि उपज खरीदी के लिए कंपनियाें काे अनुमति दी गई। हालांकि दावा किया गया कि फडणवीस के उस प्रयास से भी किसानों को अधिक लाभ नहीं मिला। अब माना जा रहा है कि पणन कानून में सुधार करके बाजार समितियों से राकांपा समान दलों व संगठनों के प्रभाव को कम किया जाएगा। राज्य में 306 कृषि उपज बाजार समितियां हैं।
राजनीतिक स्पर्धा जमकर देखी गई है : नेताओं के प्रभाव के कारण इन समितियों में राजनीति चलते रहती है। नागपुर बाजार समिति के चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता सुनील केदार व भाजपा के कुछ नेताओं के बीच राजनीतिक स्पर्धा जमकर देखी गई थी। हालांकि उस चुनाव में केदार समर्थक जीते थे, लेेकिन बाजार समिति में कुछ अधिकारियों व पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के अारोपों की जांच यथावत है। इस मामले पर भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े कहते हैं-कृषि उपज बाजार समितियों में मनमानी की शिकायतें मिलती रही हैं। किसानों को विविध तरह से आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। जांच रिपोर्ट के अाधार पर राज्य सरकार कोई सख्त निर्णय लेगी तो वह किसानों के हित में होगा। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा है-अनियमितता के आरोपों की जांच का विरोध नहीं किया जा सकता है, लेकिन रिपोर्ट के नाम पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। फिलहाल रिपोर्ट का इंतजार किया जाए।
Created On :   16 Nov 2023 11:48 AM IST