दुर्घटना को आमंत्रण - सड़कों पर मवेशियों का डेरा

  • स्थानीय लोगों की मांग
  • मवेशी मालिकों को तीन महीने की जेल हो
  • सड़कों पर मवेशियों का डेरा

डिजिटल डेस्क, वाड़ी. नागपुर-अमरावती राष्ट्रीय राजमार्ग और शहर की मुख्य सड़कों आम रास्तों पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है। मवेशियों के कारण वाहन चालकों ही नहीं, राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानवरों की बढ़ती संख्या के कारण दिन ब दिन दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। वाड़ी नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों पर मुख्य रूप से गाय-भैंस, आवारा कुत्ते दिन-रात सड़क के बीचोंबीच और सड़क के दो हिस्सों में बैठे रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सडक के बीच गाय, मवेशी खड़े रहते हैं। कई बार कई गाय झाड़ी से निकलकर डिवाइडर पर अचानक आ जाती है၊ जिससे चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है। इसके कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गांवों में लोग चाराघर पर अतिक्रमण कर मकान आदि बना रहे हैं जिसके कारण मवेशी मुख्य सड़क पर ही विचरण करने लगे हैं। वाड़ी स्थित अमरावती मार्ग, काटोल बायपास मार्ग पर जहां-तहां सड़क पर मवेशियों का झुंड देखा जा रहा है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। सड़क पर विचरण कर रहे इन मवेशियों के कारण आए दिन छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, पर इस ओर न तो प्रशासन का और न ही किसी संगठन का ध्यान जा रहा है। अगर इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो मुख्य मार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी रहेगा। इससेे न केवल पशुधन की क्षति होगी, बल्कि राहगीरों का भी जान-माल नुकसान होगा। जिलेे भर में आवारा पशुओं के साथ हो रही दुर्घटनाओं को लेकर सड़कों पर उतर कर विरोध करने वाले गौ-सेवक संगठनों को शायद दिखाई नहीं दे रहा है कि बीच सड़क पर बैठ कर आवारा पशु स्वयं दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं। जब घटना घट जाती है तब गौ-सेवक जागते हैं। लोगों का कहना है कि गौ-सेवकों को इस विषय पर काम करना चाहिए कि पशु मालिक अपने जानवरों को आवारा न छोड़ें।

यदि दुर्घटना होती है तो गौ मालकों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। गाय रखने का स्थान न हो तो गौ-शाला में भेजना चाहिेए, लेकिन गौ मालक दुर्घटना का इंतजार करते हैं और सड़कों पर अपने नाम के लिए विरोध दर्ज करते हैं।

रात में वाहन चालकों को होती है समस्या बीच सड़क पर बैठे आवारा पशुओं के साथ होने वाली दुर्घटना के संबंध में लोगों से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा रात के समय वाहन चालकों को समस्या होती है। कुछ आवारा पशु ऐसे हैं जिनका रंग काला होता है और बीच सड़क पर झुंड बनाकर बैठे रहते हैं। तेज गति से आवागमन वाले वाहन चालकों को ये जानवर दिखाई नहीं देते जिसके कारण दुर्घटना होती है। आवारा पशुओं का झुंड जहां जगह दिखाई देती हैं, वहीं बीच सड़क पर बैठ जाते हैं जिसके कारण वाहनों के आवागमन में परेशानी होती हैं। लोगों का कहना है कि शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र सभी मुख्य मार्गों में आवारा पशु बीच सड़क पर बैठ कर दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं। इस पर जिला प्रशासन, वाड़ी प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। लापरवाही बरतने वाले मवेशी मालिकों को तीन महीने की जेल की सजा होनी चाहिए।

Created On :   15 July 2023 4:43 PM IST

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