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स्कूल में छात्र नहीं पर शिक्षक नियुक्त
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले माह शहर में मनपा की स्कूलों में अस्थायी शिक्षकों के लिए पदभर्ती का आयोजन किया गया। इस प्रक्रिया में नए प्रत्याशियों के साथ 13 साल से कार्यरत शिक्षकों को भी जबरन शामिल कर लिया गया, जबकि बनातवाला अंग्रेजी स्कूल में रिक्त अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती के लिए कोई प्रक्रिया नहीं की गई। प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि इस पूरी प्रक्रिया में बिंदुनामावली यानी रोस्टर का पालन कर पदभर्ती और नियुक्ति की गई है, लेकिन पूर्व नगरसेवकों और अधिकारियों के दबाव में नियुक्त शिक्षकों के बुरे हाल करने में प्रशासन कोताही नहीं कर रहा है। हाल ही में शिक्षकों को सिफारिश के आधार पर बगैर आवश्यकता के स्कूलों में नियुक्त कर दिया गया है। लापरवाही की हद यह है कि रामदासपेठ की स्कूल में 2 स्थायी शिक्षक होने के बाद भी बेवजह अस्थायी शिक्षक को नियुक्त किया है, लेकिन इस स्कूल में एक भी विद्यार्थी ही नहीं है। यहीं स्थिति अन्य स्कूलों में नियुक्त अस्थायी शिक्षकों को लेकर भी बनी हुई है।
विद्यार्थी ही नहीं, लेकिन दे दिया अस्थायी शिक्षक : महानगरपालिका की लापरवाही का बेजोड़ नमूना यह है कि हाल ही में अस्थायी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है। रामदासपेठ के दगड़ी पार्क में मोर हिंदी उच्च प्राथमिक स्कूल और बैरिस्टर शेषराव वानखेड़े विद्या निकेतन स्कूल मौजूद हैं। इस स्कूल में मराठी भाषा के लिए वसुधा वैद्य और गणित के लिए संदीप अभ्यंकर स्थायी शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन अब अस्थायी शिक्षक के रूप में सोनल मानकर को भी नियुक्त किया है। हैरानी यह है कि जून माह में स्कूल में 10 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था, लेकिन अध्यापन नहीं होने से अब एक भी छात्र नहीं है, जबकि दूसरी ओर सोनल मानकर लंबे समय से बनातवाला अंग्रेजी स्कूल में अध्यापन करा रही थीं।
कम छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी : मनपा के शिक्षा विभाग ने लापरवाही कपिलनगर स्कूल में भी कर दी है। इस स्कूल में 250 विद्यार्थी होने पर अंग्रेजी माध्यम के लिए लंबे समय से भावना मेश्राम अध्यापन करा रही थी, लेकिन अब भावना मेश्राम को 15 विद्यार्थियों वाले बस्तरवाड़ी मराठी स्कूल में नियुक्त कर दिया गया है। यहीं स्थिति कामठी की 7 माह की गर्भवती आयशा सिद्दीकी के साथ भी कर दिया गया है। इस शिक्षिका को गरीब नवाज स्कूल से हटाकर अन्य स्कूल में भेज दिया गया है। शहर की अनेक स्कूलों के साथ ही बनातवाला अंग्रेजी स्कूल में भी शिक्षकों की कमी से बुरे हाल हो रहे हैं।
रोस्टर के आधार पर नियुक्ति : मनपा में अस्थायी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को मेरे पदभार संभालने से पहले ही पूरा कर लिया गया था। शिक्षकों को जल्द से जल्द पदभार सौंपने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों का भारी दबाव था। ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर रोस्टर पद्धति अनुसार शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्ति दी गई है। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का एक बार फिर से सर्वेक्षण कर अन्य स्थानों पर शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा। -साधना सयाम, शिक्षणाधिकारी, मनपा
अंग्रेजी शिक्षक अब भी मुख्यालय में : लंबे समय से मनपा स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षकों की कमी बनी हुई है। ऐसे में मनपा ने अस्थायी अंग्रेजी शिक्षकों को भी चयन प्रक्रिया में शामिल किया है। शहर में कई मनपा स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षकों के अभाव में शिक्षादान नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी ओर जयताला स्कूल के स्थायी अंग्रेजी शिक्षक सुभाष उपासे को प्रशासन ने मुख्यालय में प्रशासकीय कामों में लगा रखा है। सुभाष उपासे का प्रभारी उपशिक्षणाधिकारी का पदभार देकर मुख्यालय में रखा गया है। अस्थायी शिक्षकों को नियुक्ति देने के दौरान सुभाष उपासे ही महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं। शहर में अंग्रेजी शिक्षकों की किल्लत होने के बाद भी प्रशासन इस शिक्षक को वापस स्कूल में भेजने का प्रयास नहीं कर रहा है।
Created On :   25 Aug 2023 3:06 PM IST