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1884 शोधार्थियों को मिला 30 करोड़ स्टाइपेंड
डिजिटल डेस्क, नागपुर । ओबीसी, एसबीसी व वीजेएनटी के विद्यार्थियों को शोध कार्य में बढ़ावा देने के लिए महाज्योति स्टाइपेंड उपलब्ध कराती है। महाज्योति ने 1884 शोधार्थियों के लिए 30 करोड़ का स्टाइपेंड जारी किया है। यह केवल छह महीने का स्टाइपेंड है। महाज्योति प्रत्येक शोधार्थी को 38 हजार व 45 हजार रुपए प्रति महीना स्टाइफंड देती है।
महाज्योति की तरफ से ओबीसी, एसबीसी व वीजेएनटी वर्ग के लिए जो योजनाएं चलाई जाती हैं, उसमें पीएचडी भी शामिल है। गत वर्ष इस वर्ग के 600 विद्यार्थी पीएचडी कर रहे थे। गत वर्ष 10 करोड़ (छह महीने का स्टाइपेंड) जारी किए गए थे। अब शोधार्थियों की संख्या बढ़कर 1884 हो गई है। हाल ही में 30 करोड़ (छह महीने का स्टाइपेंड) स्टाइपेंड शोधाथियों को जारी किया गया है। महाज्योति शोधार्थियों को 5 सााल तक स्टाइपेंड देती है। आेबीसी बहुजन कल्याण विभाग ने 97 करोड़ का प्रावधान किया है।
राशि बैंक खाते में जमा : महाज्योति जूनियर शोधार्थी को करीब 38 हजार (प्रति महीना) व सीनियर शोधार्थी को लगकेवल छह महीने का स्टाइपेंडकेवल छह महीने का स्टाइपेंडभग 45 हजार (प्रति महीना) स्टाइपेंड देती है। यह स्टाइफंड शोधार्थियों के बैंक खाते में जमा होता है। पहले 2 साल जूनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत 38 हजार रुपए महीना व अगले तीन साल सीनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत 45 हजार रुपए महीना दिया जाता है।
11 साल से नहीं हुआ औद्योगिक इकाइयों का सर्वे : मिहान में कितनी इंडस्ट्री बंद हैं, कितनी शुरु मिहान सहित नागपुर विभाग में कितनी औद्योगिक इकाइयां शुरु व कितनी बंद हैं, इसका ब्यौरा न तो मिहान इंडिया लि. उपलब्ध करा पा रही है न ही जिला उद्योग केंद्र के पास उपलब्ध है। अधिकारियों के मुताबिक पिछले 11 वर्ष से औद्योगिक इकाइयों का सर्वे नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इन 11 वर्षों में कई औद्योगिक इकाइयां बंद हो चुकी हैं लेकिन प्रत्यक्ष सर्वेक्षण नहीं होने से रिकार्ड में इनका अस्तित्व बरकरार है। इस तरह बंद औद्योगिक इकाइयों को सरकारी सुविधाओं का लाभ अब भी प्रदान किया जा रहा है जिसकी वजह से राज्य व केंद्र शासन को भारी नुकसान हाेने की जानकारी है।
Created On :   8 Aug 2023 1:57 PM IST