मेडिकल ने साल भर में 119 चेहरों को बना दिया खूबसूरत

मेडिकल ने साल भर में 119 चेहरों को बना दिया खूबसूरत
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में देश का पहला प्लास्टिक सर्जरी विभाग स्थापित हुआ था। जहां पिछले साल 86 लोगों की प्लास्टिक सर्जरी की गई। सर्जरी करवाने वालों में 50 फीसदी युवा हैं।

डिजिटल डेस्क, नागपुर, चंद्रकांत चावरे| खूबसूरत चेहरे की ख्वाहिश हर कोई रखता है, लेकिन सभी को प्राकृतिक खूबसूरती नहीं मिलती। किसी की आंख में, किसी की नाक में, किसी के होठों में, तो किसी के चेहरे के गालों पर कोई न कोई कमी होती है। यह अंग आकार में सामान्य से अधिक हुए तो खूबसूरत चेहरे भी खराब दिखते हैं। ऐसे में उन अंगों को सामान्य दिखाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की जाती है। निजी अस्पतालों में इसका खर्च हजारों-लाखों में होता हैं, वहीं सरकारी अस्पतालों में नाममात्र शुल्क के साथ उपचार किया जाता है।

आईलिड, नेजल, इयर व फैट ग्राफ्टिंग प्लास्टिक सर्जरी से बदलाव


49 लोगों की हुई आईलिड सर्जरी

पिछले साल 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक आईलिड सर्जरी करवाने वालों की संख्या 37 थी। इस साल 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक 12 लोगों ने यह सर्जरी करवाई है। सर्जरी करवाने वालों के पलकों पर अतिरिक्त चर्बी जमा हो गई थी, जिसके कारण उनकी पलकें वजनदार होकर नीचे की ओर लटक रही थीं, इसलिए उन्होंने मेडिकल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में जांच कराई और उपचार किया। सर्जरी के बाद वे सामान्य हो चुके हैं।


46 ने करवाई नेजल सर्जरी

नाक का आकार चेहरे की खूबसूरती को प्रदर्शित करता है, लेकिन कभी-कभी चेहरे के हिसाब से नाक सामान्य आकार की नहीं होती, इसलिए नाक की सर्जरी कर उसे नया आकार दिया जाता है। इसे नेजल सर्जरी कहा जाता है। नाक की सर्जरी करवाने वालों में भी युवाओं का प्रमाण अधिक है। उसमें भी युवतियां आगे होती हैं। प्लास्टिक सर्जरी विभाग में इस साल बीते चार महीने में 15 लोगों ने नेजल सर्जरी करवाई है।

22 लोगों के कान में बदलाव : प्लास्टिक सर्जरी विभाग में तीसरे क्रमांक पर कान की सर्जरी करवाने वालों की संख्या होती है। इस तरह की सर्जरी तब की जाती है, जब किसी के कान चेहरे के अनुपात में छोटे-बड़े हों या बाहर आ गए हों अथवा कटे हों। कान के कारण भी खूबसूरती दब जाती है। मेडिकल में पिछले साल भर में 16 व बीते चार महीने में 6 लोगों ने कान की सर्जरी करवाई है।


दो के चेहरों के भर दिए गड्‌ढे : फैट ग्राफ्टिंग करवाने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है। पिछले सालभर में केवल 2 लोगों ने यह सर्जरी करवाई है। इस साल यह सर्जरी करवाने वाला कोई नहीं आया। फैट ग्राफ्टिंग फेस में चेहरे पर गड्‌ढे हो जाते हैं, जिससे चेहरा खराब दिखता है। ऐसे में यह सर्जरी कारगर होती है। शरीर के दूसरे हिस्से का फैट निकालकर चेहरे पर लगाया जाता है, जिससे चेहरे के गड्‌ढे दिखाई नहीं देते।

विभाग को अत्याधुनिक बनाने का होगा प्रयास

डॉ. सुरेंद्र पाटील, विभाग प्रमुख, प्लास्टिक सर्जरी विभाग, मेडिकल के मुताबिक मेडिकल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में पिछले साल कुल 86 सर्जरी हुई है, वहीं इस साल 33 लोगों की सर्जरी की गई है। मरीजों की जांच के बाद संभव होने पर सर्जरी के माध्यम से उपचार किया जाता है। विभाग में बेहतर सुविधाएं व विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम होने से मरीजों को लाभ मिल रहा है। इस विभाग को अत्याधुनिक बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।


Created On :   15 May 2023 7:21 PM IST

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