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उपराजधानी में 60 हजार से ज्यादा 15 साल पुराने वाहन
- सबसे ज्यादा बाइक की संख्या
- उपराजधानी में 60 हजार से ज्यादा वाहन
- 15 साल पुराने हैं ये वाहन
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर में तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण पुराने वाहनों को स्क्रैप नहीं किया जा रहा है। नागपुर शहर व पूर्व आरटीओ की हद में कुल 60 हजार से ज्यादा ऐसे वाहन शामिल हैं, जिनकी उम्र 15 साल से ज्यादा हो गई है। ऐसे में इसका सीधा असर वायु व ध्वनि प्रदूषण पर हो रहा है। पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ने के साथ आरटीओ के राजस्व को घटाने के लिए भी यह जिम्मेदार हो रहे हैं।
खुद नहीं कर सकते स्क्रैप : नियमानुसार किसी भी वाहन को स्क्रैप वाहन धारक खुद की मर्जी से नहीं कर सकता है। इसके लिए उन्हें संबंधित आरटीओ को इसकी जानकारी देना जरूरी है। जानकारी देने के बाद आरटीओ कार्यालय इसे स्क्रैप की अनुमति देता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में कई वाहन धारक ऐसा नहीं करते हैं, जिससे वाहन आरटीओ के रिकॉर्ड पर बने रहते हैं।
फिटनेस टेस्ट नहीं : शहर में कुल 13 लाख से ज्यादा वाहन चल रहे हैं। इनमें बाइक से लेकर कार, बस शामिल हैं। नियमानुसार किसी भी वाहन को 15 साल तक ही चलाया जा सकता है, क्योंकि तब तक ही इसे पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। यदि इससे आगे चलाना है, तो इन वाहनों को फिटनेस जांच करानी होती है, जिसके बाद इसे आगे के 5 साल तक चलाया जा सकता है। वर्तमान स्थिति में कई वाहनधारक इनकी जांच नहीं करवाते हैं। ऐसे में नियमों का उल्लंघन कर उन्हें सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। यह वाहन शहर में मौजूद रहने से वायु से लेकर ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है।
सबसे ज्यादा बाइक की संख्या
अधिकृत आंकड़ों के अनुसार शहर में 44 हजार से ज्यादा केवल मोटरसाइकिलें हैं, जिनकी उम्र 15 साल से ज्यादा हो गई है। वहीं कार की संख्या भी 22 हजार से ज्यादा है। ट्रकों की बात करें, तो डेढ़ हजार पुराने वाहन हैं। 400 से ज्यादा ऑटो रिक्शा, डेढ़ सौ के करीब बस और 100 से ज्यादा ट्रेलर हैं। इसके अलावा एग्रीकल्चर ट्रैक्टर, डंपर, मोटर कैब, प्राइवेट सर्विस ह्वीकल, पॉवर ट्रेलर आदि पुराने वाहन शामिल हैं।
Created On :   9 July 2023 5:51 PM IST