एमपीएससी प्रशिक्षण की अवधि 10 माह की

  • एमपीएससी प्रशिक्षण की अवधि
  • कार्यकाल बढ़ाने की मांग
  • 10 माह की है अवधि

डिजिटल डेस्क, नागपुर. समता मूलक समाज की निर्मिती का संकल्प लेकर चलने वाली बार्टी संस्था पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपुर शहर पर अन्याय और प्रादेशिक भेदभाव बरतने का आरोप लग रहा है। नागपुर में बार्टी अंतर्गत प्रज्ञा प्रबोधिनी करियर एकेडमी में एमपीएससी प्रशिक्षण की अवधि 12 महीने से घटाकर 10 महीने कर दी गई, जबकि यह अवधि औरंगाबाद में 12 महीने कायम रखी गई है। इससे नागपुर में एमपीएससी का प्रशिक्षण लेने वाले ‌विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

पुराने पैटर्न पर होगी परीक्षा : जानकारों ने बताया कि यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए 4 रिजल्ट हैं। एमपीएससी संयुक्त परीक्षा के कम से कम 50 विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के लिए पात्र हो सकते हैं। 2 महीने के पहले प्रशिक्षण का कार्यकाल खत्म करना विद्यार्थियों पर अन्याय है। इससे पहले एमपीएससी आयोग ने मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम यूपीएससी की तर्ज पर लागू किया है। इस अनुसार एकेडमी में लगभग 5 महीने नए पैटर्न अनुसार पढ़ाया गया। बाद में विद्यार्थियों के आंदोलन के बाद दोबारा 2 वर्ष के लिए यानी 2025 तक पुराने पैटर्न अनुसार मुख्य परीक्षा होगी, ऐसा पत्र आयोग ने निकाला। इसमें विद्यार्थियों का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो सका। एमपीएससी आयोग की तकनीकी दिक्कतों के कारण विद्यार्थी पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर सके। अब सितंबर व अक्टूबर में मुख्य परीक्षा है। संपूर्ण कार्यकाल औरंगाबाद को 12 महीने का मिलने से अक्टूबर तक उनका सत्र चलेगा, लेकिन इस दौरान नागपुर बार्टी को 2 महीने का समय कम दिया गया है। यह 20 जुलाई तक समाप्त हो रहा है। इसे नागपुर के विद्यार्थियों पर अन्याय बताया गया है।

नागपुर का कार्यकाल बढ़ाएं

आशीष फुलझेले, सचिव, मानव अधिकार संरक्षण मंच के मुताबिक एमपीएससी व यूपीएससी विद्यार्थियों के नतीजे ध्यान में रखकर बार्टी महासंचालकों द्वारा भेदभाव न किया जाए। औरंगाबाद की तर्ज पर उपमुख्यमंत्री के नागपुर शहर को भी 2 महीने बढ़ाकर देना चाहिए।


Created On :   17 July 2023 7:16 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story