पुनर्वास के नाम पर बनाईं ऊंची इमारतें, सुविधाएं नदारद

पुनर्वास के नाम पर बनाईं ऊंची इमारतें, सुविधाएं नदारद
कीचड़ से होकर आने-जाने की नौबत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । परियोजना प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए नागपुर महानगर पालिका प्रशासन ने ऊंची इमारतें तो बना दी हैं, लेकिन इन्हें मूलभूत सुविधा देना भूल गई है। शहर के बीच ऊंची इमारतों के रहने के बावजूद यह शहर से जुड़ नहीं पा रहे हैं। शहर में विभिन्न परियोजनाओं के कारण पुनर्वासित झुग्गी-झोपड़पट्टीवासियों के लिए निर्मित नारी-उप्पलवाड़ी स्थित एसआरए कॉलोनी में प्रशासन पक्की सड़क बनाने में असफल रहा है। प्रशासन की नाकामी के कारण यहां के निवासियों को खेत में कीचड़ से होकर शहर में आने-जाने की नौबत आ गई है।

सैकड़ों फ्लैट हैं : नागपुर नगर निगम के झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के तहत उत्तर नागपुर निर्वाचन क्षेत्र में नारी-उप्पलवाड़ी के पीछे बहुमंजिला पुनर्वास कॉलोनी (नारी खसरा नंबर 109-110/2,3) में 544 फ्लैट हैं। यहां शहर के गरीब-मजदूर परिवार रहते हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी व अन्य काम-धंधे कर जीवन यापन करते हैं। इस कॉलोनी को शहर से जोड़ने वाली कोई सड़क नहीं होने से इन नागरिकों को बरसात में शहर आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। एसआरए के तहत उप्पलवाड़ी-नारी में दूसरी बहुमंजिला पुनर्वास कॉलोनी है और यहां 234 फ्लैट बनाए गए हैं। यहां भी परियोजना प्रभावित झुग्गीवासियों का 8 वर्ष पूर्व पुनर्वास किया गया है, लेकिन इस कॉलोनी को भी मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क नहीं बनाई गई है।

हस्ताक्षरयुक्त निवेदन सौंपा : झुग्गी वासियों की पुनर्वास कॉलोनी को शहर से जोड़ने वाली सड़क निर्माण की मांग शहर विकास मंच, एसआरए संकुल विकास समिति ने प्रशासन से की है। मंच के संयोजक अनिल वासनिक के नेतृत्व में एसआरए कॉलोनी के रहिवासियों के सैकड़ों हस्ताक्षरों का मांगपत्र मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. और नागपुर सुधार प्रन्यास के सभापति मनोज कुमार सूर्यवंशी को दिया गया है। प्रतिनिधि मंडल में राजकुमार वंजारी, रामदास उइके, डॉ. दिलीप तांबटकर, शैलेन्द्र वासनिक, उत्तर नागपुर विकास अघाड़ी के मुख्य संगठक ओम प्रकाश मोटघरे सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। एसआरए संकुल विकास समिति गोपी बोदेले, शीतल कुमरे, सुनंदा पासवान, अमोल बोदिले, विजय कोठी, फुलकन कंगाले, राजकुमार नेवारे, इकबाल सैयद अली आदि पदाधिकारी सड़क निर्माण के लिए संघर्षरत हैं।

Created On :   29 Jun 2023 2:35 PM IST

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