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बैन के बावजूद नागपुर शहर में पीओपी मूर्तियां कैसे पहुंचीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगर पालिका ने गणेशोत्सव के लिए आयात की जाने वाली पीओपी मूर्तियों पर प्रवेश बंदी लगाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में पिछले महीने मनपा, पुलिस विभाग और स्थानीय संगठनों के पदाधिकारियों से बैठक हुई थी। इस बैठक में पीओपी प्रतिबंध के अनेक उपाय याेजनाओं पर चर्चा की गई। इसके बाद दो बार बैठकें हुई। तय किया गया कि पीओपी मूर्तियों का शहर सीमा में प्रवेश नहीं होने दिया जाएगा। बावजूद इसके पीओपी मूर्तियाें का शहर में आयात हो चुका है। कुछ स्थानों पर दुकानें भी लग चुकी हैं। मनपा द्वारा तैयार नीति-नियमों का कोई असर दिखाई नहीं रहा है।
डेढ़ महीने में कोई कार्रवाई नहीं
जुलाई महीने में मनपा ने गणेशोत्सव को लेकर एक बैठक ली थी। इस बैठक में मनपा के अधिकारी, पुलिस विभाग और विविध संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। घनकचरा व्यवस्थापन विभाग के संचालक डॉ. गजेंद्र महल्ले की उपस्थिति में आयोजित बैठक में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई पर सहमति बनी थी। संगठनों और पुलिस विभाग ने इसके लिए सह्योग करने की सहमति दी थी। इस बैठक को डेढ़ महीना बीत चुके हैं, लेकिन मनपा द्वारा अब तक कार्रवाई के लिए टीम नहीं बनाई गई है। केवल डीसीपी को निवेदन देकर बाहर से आयात होने वाली मूर्तियों को सीमा पर रोकने की गुजारिश की गई है। इन डेढ़ महीने में ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
कार्यप्रणाली व सतर्कता घेरे में...
शहर में पीओपी मूर्तियों का अायात हो चुका है। कुछ स्थानों पर दुकानें भी लग चुकी हैं। कुछ विक्रेताओं ने मूर्तियों का आयात कर गुप्त स्थानों पर संगृहीत कर रखी है। यह मूर्तियां शहर के भीतर पहुंच जाना ही, मनपा की कार्यप्रणाली और सतर्कता बड़ा सवाल है। उस समय शहर के भीतर भी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था। अब गणेशोत्सव को तीन सप्ताह का समय है। इस बार भी मनपा ने नियमावली के भरोसे ही मूर्ति बिक्री को छोड़ दिया है। जिले में हर साल 3 लाख से अधिक मूर्तियों की मांग होती है। अकेले शहर में ही पिछले साल 1.40 लाख मूर्तियों का विसर्जन किया गया है। इनमें पीओपी मूर्तियों की संख्या 11 हजार से अधिक थी। यहां कुल मिलाकर 85 हजार मूर्तियों का निर्माण होता है, जबकि यहां 2.15 लाख मूर्तियां बाहर से आयात होने का अनुमान है। इसका कारण यह है कि नागपुर मध्य भारत का मूर्ति निर्यात का बड़ा केंद्र है। यहां बाहर से मूर्तियां आयात भी होती है और दूसरे राज्यों में निर्यात भी होती है।
कार्रवाई की जाएगी
पीओपी मूर्तियों को सीमा के बाहर रोकने के लिए डीसीपी को पत्र दिया गया है। पीओपी मूर्तियों के लिए जांच टीम तैयार की जाने वाली है। मनपा द्वारा तैयार की गई समिति द्वारा जांच में पीओपी की मूर्तियां पाई जाने पर कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. गजेंद्र महल्ले, संचालक-घनकचरा व्यवस्थापन विभाग, मनपा
नियमावली का पालन करने के निर्देश
मनपा ने अपनी नीति-नियमावली में हर साल की तरह इस बार भी असमंजस की स्थिति बना रखी है। गुरुवार को भी पीओपी को लेकर मनपा ने स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि पीओपी पर पाबंदी है या नहीं, पीओपी की मूर्तियां बेची-खरीदी जाएगी या नहीं, आदि के बारे में क्या भूमिका होगी। इतना ही कहा गया है कि कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को मनपा द्वारा जारी सूचना में बताया गया है कि उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा 7 अगस्त को दिए गए आदेशानुसार व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के 12 मई 2020 व अगस्त 2022 के मार्गदर्शक सूचनाओं का पालन करने का निर्देश मनपा ने दिया है। मूर्ति कलाकारों को पर्यावरण पूरक मिट्टी की मूर्तियां तैयार करने को कहा गया है। पीओपी मूर्तियां स्थापना करने के लिए मनाही की गई है। इसके अलावा रासायनिक व घातक रंगों का प्रयोग न करने की सूचना दी गई है। मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में ही करने, सजावट के लिए प्लास्टिक व थर्माकोल का उपयोग न करने, बिना लाइसेंस मूर्तियों का निर्माण, संग्रहण, उपयोग व बिक्री न करने को कहा गया है। नियमाें का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए जुर्माने की चेतावनी दी गई है।
Created On :   25 Aug 2023 3:13 PM IST