Nagpur News: अंतत : एचसीबीए चुनाव में महिला वकीलों को आरक्षण

अंतत : एचसीबीए चुनाव में महिला वकीलों को आरक्षण
उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी की तीन सीटें रहेंगी आरक्षित

Nagpur News नागपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) की महिला वकीलों ने 2026-29 कार्यकाल के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग की थी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अंतरिम राहत देने से इनकार किया था। हालांकि 12 दिसंबर को होने वाले चुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा हस्तक्षेप किया। सोमवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की पीठ ने स्पष्ट आदेश दिया कि इस चुनाव में उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष तथा कार्यकारिणी की तीन सीटें यानी कुल पांच प्रमुख पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। फिलहाल यह आरक्षण केवल नागपुर खंडपीठ में प्रैक्टिस करने वाली महिला वकीलों के लिए लागू होगा।

150 महिला वकीलों का समर्थन : यह याचिका एड. प्रीति राणे ने दायर की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला देते हुए बार एसोसिएशन में महिलाओं को कम से कम एक-तिहाई प्रतिनिधित्व देने की मांग की थी। इस मांग को 150 से अधिक महिला वकीलों ने समर्थन दिया था। नागपुर हाई कोर्ट ने चुनाव कार्यक्रम घोषित होने का हवाला देकर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद एड. प्रीति राणे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एचसीबीए को मौखिक आदेश दिया था कि आप खुद स्वेच्छा से महिला आरक्षण के मुद्दे पर फैसला लें और अपना स्पष्ट जवाब कोर्ट को बताएं।

समय सारिणी में बदलाव नहीं : सोमवार की सुनवाई में एचसीबीए की चुनाव समिति की ओर से अध्यक्ष भानुदास कुलकर्णी ने पैरवी की। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से चुनाव प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आएगी। हम महिलाओं के पद आरक्षित दिखाएंगे। कई महिला उम्मीदवारों ने सभी पदों के लिए नामांकन भरा ही है। सिर्फ कोषाध्यक्ष का एक पद होने से पुरुष उम्मीदवारों से नाम वापस लेने की अपील करेंगे। समय-सारणी में कोई बदलाव की आवश्यकता नहीं है। इस फैसले से संकेत मिल रहा है कि अब महाराष्ट्र की अन्य बार एसोसिएशनों में भी महिलाओं के लिए पद आरक्षित करने पड़ेंगे।


Created On :   2 Dec 2025 12:52 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story