Nagpur News: बेटी को फांसी पर लटकाने वाले पिता को उम्रकैद की सजा

बेटी को फांसी पर लटकाने वाले पिता को उम्रकैद की सजा
हाई कोर्ट ने दोहरी फांसी की सजा का फैसला पलटा

Nagpur News अपनी सोलह वर्षीय बेटी को फांसी पर लटका कर उसकी मौत को आत्महत्या का रूप देने वाले निर्दयी पिता की दोहरी फांसी की सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने उम्रकैद में बदल दिया है। न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति प्रवीण पाटील की पीठ ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया।

आरोपी ने हाई कोर्ट में दी थी चुनौती : आरोपी पिता का नाम गुड्डू छोटेलाल रजक (40), निवासी देवी नगर, आजरी माजरी, वांजरा, कलमना निवासी है। उसने तीन शादियां की थीं। दूसरी पत्नी आरती से रजक को दो बेटियां और एक बेटा था। आरोप है कि, रजक 16 वर्षीय बड़ी बेटी के साथ लगातार दुष्कर्म करता था। बाद में उसने लड़की को फांसी लगाकर मार डाला और घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। पुलिस की जांच में उसका अपराध उजागर हो गया। विशेष सत्र न्यायालय ने 21 मई 2024 को रजक को दोषी पाते हुए उसे दोहरी फांसी की सजा सुनाई थी। धारा 366 के तहत फांसी की सजा लागू करने हाईकोर्ट की मंजूरी अनिवार्य है, इसलिए राज्य सरकार ने यह मामला हाईकोर्ट में दायर किया। वहीं रजक ने भी सत्र न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इस मामले में सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

अन्य अपराधों में सजा बरकरार : अदालत ने सत्र न्यायालय के फैसले को सही ठहराया, लेकिन आरोपी को दी गई फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। साथ ही आरोपी को अन्य अपराधों के लिए दी गई सजा को बरकरार रखा है। लेकिन आरोपी को दुष्कर्म तथा पॉक्सो अधिनियम के तहत दी गई सजा को रद्द कर दिया। मामले में राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील तथा वरिष्ठ विधिज्ञ देवेन चौहान और एड. अनूप बदर ने पैरवी की।


Created On :   12 Nov 2025 12:58 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story