Nagpur News: एल्गोरिद्म नहीं, मानवीय मूल्य तय करेंगे "एआई' की दिशा

एल्गोरिद्म नहीं, मानवीय मूल्य तय करेंगे एआई की दिशा
  • आईआईआईटी का पांचवां दीक्षांत समारोह
  • प्रो. टी. जी. सीताराम ने विद्यार्थियों का किया मार्गदर्शन

Nagpur News कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आज मानव इतिहास की सबसे तेजी से विकसित होने वाली तकनीक बन चुकी है। जेनरेटिव एआई, स्वायत्त प्रणालियां, स्वास्थ्य सेवा, जलवायु मॉडलिंग और साइबर-फिजिकल सिस्टम्स जैसे क्षेत्रों में यह क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं, लेकिन एआई की असली शक्ति उसके एल्गोरिद्म में नहीं, बल्कि उसे दिशा देने वाले मानवीय मूल्यों में निहित है। यह विचार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. टी. जी. सीताराम ने व्यक्त किए।

वे भारतीय सूचना प्रौोद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), नागपुर के पांचवें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे थे। मंगलवार को साउथ अंबाझरी रोड स्थित वीएनआईटी नागपुर ऑडिटोरियम में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता आईआईआईटी नागपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष दीपक घईसास ने की।इस अवसर पर प्रो. सीताराम ने विद्यार्थियों से निरंतर सीखते रहने, नैतिक और जिम्मेदार तकनीक विकसित करने तथा संवाद कौशल को मजबूत बनाने का आह्वान किया। उनका कहना था कि वही इंजीनियर सच्चा नेता होता है, जो तकनीक को मानवता की भलाई के लिए सही दिशा दे सके। प्रौद्योगिकी नवाचार, वैश्विक सहयोग और एआई से संचालित डिजिटल शताब्दी के इस परिवर्तनकारी युग पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने स्नातकों से आह्वान किया कि वे समस्याओं के समाधानकर्ता और राष्ट्र निर्माता बनें तथा एक आत्मनिर्भर और सतत भारत के निर्माण में योगदान दें।

आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें : दीपक घईसास ने 2025 के स्नातक वर्ग को बधाई देते हुए उन्हें नवाचार और ईमानदारी के माध्यम से एक मजबूत तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने और बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि इंजीनियर केवल तकनीकी विशेषज्ञ ही नहीं होते, बल्कि उन्हें तकनीकी उत्कृष्टता के साथ संवेदनशीलता, स्थिरता और सामाजिक उत्तरदायित्व को भी अपनाना चाहिए, ताकि वे एक समावेशी समाज के निर्माण में योगदान दे सकें।आईआईआईटी नागपुर के निदेशक डॉ. प्रेम लाल पटेल ने स्वागत भाषण देते हुए संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों और अब तक की प्रगति पर विस्तार से जानकारी दी। संचालन डॉ. नेहा कस्तूरे और डॉ. माधुरी तायडे ने किया। प्रभारी कुलसचिव कैलास डाखले ने आभार माना।

जोहान माइकल को सर्वोच्च शैक्षणिक सम्मान कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई) के छात्र जोहान माइकल (सीजीपीए 9.62) और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) की छात्रा गुरुवेली चैत्रा (सीजीपीए 9.19) को मेरिट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। सभी विषयों में सर्वोच्च सीजीपीए 9.62 प्राप्त करने के लिए जोहान माइकल को संस्थान का सर्वोच्च शैक्षणिक सम्मान ‘संस्थान उत्कृष्टता पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

431 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान : दीक्षांत समारोह में अतिथियों के हाथों 2021–2025 बैच के कुल 431 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें 205 बी.टेक (सीएसई), 124 बी.टेक (ईसीई), 69 पीजी डिप्लोमा, 25 एम.टेक (आईसीटी) और 8 पीएचडी (4 सीएसई व 4 ईसीई) शामिल हैं।


Created On :   12 Nov 2025 1:24 PM IST

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