Nagpur News: नागपुर शहर में रोजाना 4 किलो से अधिक एमडी ड्रग, 200 किलो से ज्यादा गांजे की बिक्री

नागपुर शहर में रोजाना 4 किलो से अधिक एमडी ड्रग, 200 किलो से ज्यादा गांजे की बिक्री
  • बड़े शिक्षण संस्थानों के पास फैला नशे का जाल
  • युवाओं की जिंदगी से खेल रहे हैं ड्रग माफिया

Nagpur News संतरों के लिए मशहूर नागपुर शहर आज नशे की गिरफ्त में है। किताबों की जगह कुछ दुकानदार चोरी छिपे ‘पुड़िया’ बेचने का काम कर रहे हैं। वाठोडा, वर्धा रोड, एमआईडीसी, कोराडी रोड, भंडारा रोड और उमरेड रोड जैसे इलाकों में कॉलेजों के बाहर नशे के सौदागर खुलेआम मौत का सौदा कर रहे हैं। मोमिनपुरा, हसनबाग, जाफरनगर, गिट्टीखदान, जरीपटका, कामठी रोड, कामगार नगर, कपिलनगर, खामला, ताजबाग आदि इलाके में सूखा नशा यानी गांजा और एमडी ड्रग्स जैसे नशे की लत लगाकर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। हालांकि पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन थंडर के तहत क्राइम ब्रांच से लेकर थाना स्तर पर भी ऐसे सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों की मानें तो नागपुर में रोज़ाना 4 किलो से अधिक एमडी ड्रग और 200 किलो से ज्यादा सूखा नशा (गांजा) बिक रहा है।

लड़कियों को बनाते हैं आसान निशाना : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ड्रग माफिया का सबसे खतरनाक खेल कॉलेज की उन लड़कियों के साथ शुरू होता है, जो पढ़ाई के लिए बाहरगांव से नागपुर आती हैं। शुरुआत में दोस्ती, फिर पार्टी, और फिर एक पुड़िया-इतना काफी है बर्बादी के लिए। सूत्र बताते हैं कि नशे के व्यापारी खुद को दोस्त बताकर पहले उन्हें एमडी और सूखे नशे का आदी बना देते हैं। जब लत लग जाती है, तो धीरे-धीरे उनसे पैसे ऐंठे जाते हैं। और जब जेब खाली हो जाती है, तब शुरू होता है शोषण। कई लड़कियों को नशे की पुड़िया के बदले अपना सम्मान खोना पड़ता है। इसके बारे में वह किसी को कुछ बता भी नहीं पाती हैं।

दूर-दूर से पढ़ने आते हैं : संतरानगरी को ‘शिक्षा की नगरी’ भी कहा जा रहा है। यहां पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटी जैसे सिम्बॉयसिस तथा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के साथ ही कई आईटी कॉलेज भी संचालित हो रहे हैं। हाल ही राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कैंपस की नींव रखी गई है। खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाथों भूमिपूजन कर इसकी आधारशिला रखी गई। यहां पढ़ने के लिए बच्चे दूर-दूर से आ रहे हैं और उन पर नशे के सौदागरों की ‘गिद्ध-दृष्टि’ पड़ी है।

दलदल से बाहर निकलने की बेकरारी : कुछ युवकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "मैंने बस एक बार ट्राय किया था, दोस्तों ने कहा- कुछ नहीं होता... पर आज तीन साल से अधिक हो गए, बिना एमडी और गांजा के दिन नहीं गुजरता। सब खो दिया-पढ़ाई, परिवार, भरोसा। बस एक पुड़ी के लिए ज़िंदगी बेच दी। आंखों में पछतावा नजर तो आ रहा था, लेकिन वापसी की राह आसान नहीं।

चर्चा में यूनिट-5 का एक सिपाही : तहसील थाने से तबादले पर क्राइम यूनिट-5 में गया एक सिपाही इन दिनों चर्चा में है। वह उत्तर नागपुर में एमडी और गांजा विक्रेता को संरक्षण देने का काम कर रहा है। इस सिपाही के मोबाइल का सीडीआर निकाले जाने पर एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।


Created On :   12 Nov 2025 12:41 PM IST

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