Nagpur News: निकाय चुनाव के लिए दावेदारों की भरमार, गठबंधन के नहीं आसार

निकाय चुनाव  के लिए दावेदारों की भरमार, गठबंधन के नहीं आसार
  • नामांकन के आखिरी दिन तक रहेगा इंतजार
  • देशमुख-केदार में चर्चा
  • भाजपा व मित्रदलों के नेताओं में नहीं हो पाया ठोस निर्णय

Nagpur News जिले में नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गई है। लेकिन न तो गठबंधन तय हो पाए हैं न ही उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे हैं। 17 नवंबर सोमवार तक नामांकन फार्म जमा कराया जा सकता है। कहा जा रहा है कि नामांकन दर्ज कराने के आखिरी दिन तक गठबंधन व उम्मीदवार के संबंध में इंतजार करना होगा। यह भी संकेत मिल रहे हैं कि प्रमुख दलों के सहयोगी दल परस्पर कुछ क्षेत्र में गठबंधन कर सकते हैं। यह गठबंधन खुला या छिपा हुआ भी हो सकता है। दरअसल, निकाय चुनाव में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को नेता बनने का मौका रहता है। कार्यकर्ता उम्मीदवारी के लिए विविध स्तर से दावे करते हैं। ऐसे में सभी दलों के पास दावेदारों की संख्या अधिक होने से गठबंधन करना आसान नहीं रह जाता है।

सीट साझेदारी का प्रयास : महाविकास आघाड़ी में शामिल शिवसेना उद्धव जिले में काफी कमजोर स्थिति में है। ऐसे में कांग्रेस व राकांपा शरद के बीच सीट साझेदारी के प्रयास किए जा रहे हैं। सूत्र के अनुसार, गुरुवार को ही कांग्रेस नेता सुनील केदार व राकांपा नेता अनिल देशमुख के बीच चर्चा हुई। देशमुख के आवास पर बैठक में पूर्व मंत्री रमेश बंग, पूर्व विधायक विजय घोडमारे, प्रवीण कुंटे सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। राकांपा शरद की ओर से तीसरी आघाड़ी तैयार की जा रही है। रविभवन में हुई बैठक में आरपीआई, आम आदमी पार्टी सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी एकजुट हुए थे। इधर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मानना है कि अकेले बल पर चुनाव लड़ना ही उचित होगा।

प्रभावी भूमिका का असर : जिले की राजनीति में कांग्रेस के संरक्षक की भूमिका में सुनील केदार हैं। 15 नगरपरिषद व 12 नगरपंचायत के लिए पहले से ही केदार समर्थकों ने इच्छुक उम्मीदवारों को तैयार कर रखा है। दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस में उम्मीदवार चयन प्रक्रिया औपचारिकता मात्र है। केदार जो निर्णय लेंगे वह उचित रहेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व रणनीतिकार भी यह बात मानने लगे हैं। लिहाजा, हिंगना, काटोल, नरखेड़ सहित कुछ क्षेत्र में राकांपा के प्रभाव को देखते हुए केदार से सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस के ही प्रमुख पदाधिकारी कह रहे हैं कि उम्मीदवारी व गठबंधन को लेकर कुछ भी तय नहीं है। 16 नवंबर की शाम तक स्थिति साफ हो सकती है।

भाजपा की चर्चा : भाजपा की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि अकेले बल पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले साफ कह चुके हैं कि 17 नवंबर को ही उम्मीदवारी का विषय साफ हो पाएगा। शिवसेना शिंदे व राकांपा अजित के वरिष्ठ नेता मुंबई में पदाधिकारियों की बैठक में कह चुके हैं कि भाजपा से गठबंधन का इंतजार न करें। खबर है कि मंगलवार को राकांपा अजित के गणेशपेठ स्थित कार्यालय में तीनों प्रमुख दल के प्रतिनिधियों की चर्चा हुई। भाजपा के रामटेक अध्यक्ष आनंदराव राऊत, राकांपा अजित के जिला निरीक्षण राजेंद्र जैन, शिवसेना शिंदे के उपनेता कृपाल तुमाने, जिला प्रमुख संदीप इटकेलवार चर्चा में शामिल थे। उम्मीदवारी के लिए अधिक दावेदारी के सवाल पर गठबंधन नहीं हो पाने की स्थिति में है। शिवसेना शिंदे ने आशीष जैस्वाल, कृपाल तुमाने, दीपक सावंत को इस चुनाव के नियोजन की मुख्य जिम्मेदारी दी है। बैठकों का दौर जारी है।

Created On :   14 Nov 2025 12:40 PM IST

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