योजना: "कमाओ और पढ़ो' योजना : छात्रों के लिए जागरूकता की जरूरत पर जोर दें

कमाओ और पढ़ो योजना : छात्रों के लिए जागरूकता की जरूरत पर जोर दें
पिछले साल से शुरू योजना पर नहीं कोई ध्यान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गरीब छात्रों को पढ़ाई के साथ रोजगार भी मिले इस मूल उद्देश्य से नागपुर विश्वविद्यालय ने पिछले साल से सभी कॉलेजों में "कमाओ और पढ़ो' योजना की शुरूआत की थी। लेकिन इस योजना को लेकर जागरूकता की जरूरत है। 29 सितंबर आवेदन भेजने की अंतिम तारीख है और अब तक कुल 512 कॉलेज में से सिर्फ दो कॉलेज के छात्र विकास विभाग को आवेदन प्राप्त हुए हैं।

योजना का विस्तार बढ़ाया : नागपुर विश्वविद्यालय ने 2005 से छात्रों के हित में "कमाओ और पढ़ो' यह योजना शुरू की थी। तब नागपुर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विभाग के लिए सिर्फ यह योजना लागू थी। इस योजना के तहत सालभर में 200 छात्र लाभ लेते थे। 2022-23 साल सें योजना का विस्तार बढ़ाकर विश्वविद्यालय के सभी कॉलेज के लिए यह योजना लागू कराई गई। लेकिन पर्याप्त जागरूकता के चलते इस योजना से हजारों छात्र वंचित हो रहे हैं।

पिछले साल भी कम आवेदन : कॉलेज के लिए 2022-23 यह योजना का पहला साल था। इस साल नागपुर के 3, गोंदिया और वर्धा जिले में से प्रति एक काॅलेज ऐसे कुल मिलाकर 5 कॉलेज के आवेदन आये थे। इस साल इससे भी कम केवल 2 कॉलेज ने आवेदन किया है। एक कॉलेज गोंदिया तो दूसरा कॉलेज वर्धा का है। "कमाओ और पढ़ो' योजना छात्रों के हित की है। लेकिन छात्रों में जागरूकता का अभाव है। अगर छात्रों में पर्याप्त जागरूकता की गई तो लाभार्थियों की संख्या बढ़ना लाजमी है।

छात्रों को प्रति घंटे 30 रुपये : "कमाओ और पढ़ो' योजना के तहत छात्रों को तीन घंटे तक कॉलेज के कार्यालयीन कामकाज करना है। इसके लिए छात्रों को प्रति घंटे 30 रुपये मिलते हैं। हर साल अक्टूबर से मार्च माह तक यह योजना चलती है। प्रति वर्ष कॉलेज में दाखिल हुए कुल प्रवेश के एक प्रतिशत छात्रों को इस योजना का लाभ मिलता है।

Created On :   26 Sept 2023 3:03 PM IST

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