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यूनिवर्सिटी की पहल: अनुसंधान पर वैज्ञानिकों के साथ बैठक में राष्ट्रीय शोध और शिक्षा संस्थान हुए शामिल
- छात्रों के हितों के लिए 13 मुद्दे पर हुई चर्चा
- अनुसंधान पर वैज्ञानिकों के साथ बैठक
- स्टार्टअप पर भी हुआ विचार मंथन
डिजिटल डेस्क, नागपुर. प्रसिद्ध राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों और नामी शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से अनुसंधान के नए रास्ते तैयार किए जा रहे हैं। इसकी पहल करने के लिए यूनिवर्सिटी के मॉलिक्युलर बायोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग विभाग में हाल ही में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभाग में शैक्षणिक एवं अनुसंधान गतिविधियों के विकास पर चर्चा की गई। एआईएमएस, सीएसआईआर-निरी, आईसीएआर-सीसीआरआई, आईसीएआर-सीआयसीआर, एमजीआयएमएस वर्धा, एसएआई बायोसिस्टम्स, पीजीएनआईपीएम, एसडीकेएस डेंटल कॉलेज नागपुर और बुटीबोरी एमआईडीसी के केमिकल इंडस्ट्री आदि प्रसिद्ध संस्थान के साथ मिलकर अनुसंधान के नए रास्ते तलाशे जाएगें।
बैठक की अध्यक्षता मॉलिक्युलर बायोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. पी. पी. गोखले ने की। इस दौरान सीएसआईआर-नीरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. लाल सिंह, बाल रोग निवारक एवं दंत चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. अरुण सज्जनार, साई-बायोसिस्टम्स प्रा. लि. के निदेशक डाॅ. दिलीप गोरे, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर कॉलेज नागपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. आर. सी. सावंत, बुटीबोरी एमआईडीसी के वैज्ञानिक डॉ. एच. एम. मेश्राम, आईसीएआर-सीसीआरआई नागपुर के वैज्ञानिक डॉ. जे. पी. तेजकुमार, आईसीएआर-सीसीआरआई डॉ. एस. नंदेश्वर, एल.ए.डी. वीमेंस कॉलेज की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. एन. खुबालकर और डॉ. मोहम्मद रिजवान उपस्थित थे।
बैठक के दौरान संबंधित गणमान्य व्यक्तियों ने कई मूल्यवान सुझाव दिए और ग्रामीण छात्रों के बीच सॉफ्ट स्किल, लेखन कौशल और संवाद कौशल में अंतर को कम करने के लिए एक कॉर्पोरेट अनुसंधान वातावरण बनाने के बारे में चर्चा की। बैठक में छात्रों के प्लेसमेंट/इंटर्नशिप और अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट के लिए कुल 13 कार्रवाई योग्य मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके अलावा स्टार्टअप के लिए प्रक्रियाओं, नैतिक समितियों के गठन, छात्रों की भागीदारी के लिए नए तरीकों, उद्यमशीलता संस्कृति के विकास पर चर्चा की गई।
Created On :   18 Aug 2024 6:26 PM IST