राजस्व विभाग के साथ ही खंगाले जा रहे हैं निजामकालीन रिकॉर्ड

राजस्व विभाग के साथ ही खंगाले जा रहे हैं निजामकालीन रिकॉर्ड
  • कुणबी मराठा व मराठा कुणबी को मिलता है ओबीसी जाति प्रमाणपत्र
  • केंद्र से ही निकल सकता है रास्ता

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य सरकार ने मराठा समाज को कुणबी मराठा या मराठा कुणबी का जाति प्रमाणपत्र देने में आ रही परेशानी को दूर करने व इस मुद्दे के हल के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की है। राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के साथ ही निजामकालीन रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। तेलंगाना सरकार से भी मदद ली जा रही है, जबकि कुणबी मराठा व मराठा कुणबी यह जाति पहले से ही राज्य की ओबीसी की सूची में शामिल है। जिनके दस्तावेजों पर कुणबी मराठा या मराठा कुणबी है, उन्हें जाति प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं और जाति वैधता भी हो रही है।विशेष क्षेत्र का महत्व नहीं

राज्य सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में जिन 350 जातियों का समावेश है, उसमें 83 नंबर पर कुणबी, लेवा, लेवा पाटीदार, मराठा कुणबी व कुणबी मराठा का समावेश है। दादा, पिता की जाति का उल्लेख है, ऐसे दस्तावेज पेश करने पर जाति प्रमाणपत्र मिलता है। इसी तरह जाति वैधता प्रमाणपत्र भी मिलता है। इसके लिए किसी क्षेत्र का कोई महत्व नहीं है। अक्टूबर 1967 के पहले जहां का निवास हो, उस जिले से जाति प्रमाणपत्र या जाति वैधता प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए विदर्भ, मराठवाड़ा या पश्चिम महाराष्ट्र ऐसी कोई शर्त नहीं है। नागपुर विभाग (नागपुर समेत 6 जिले) में मराठा कुणबी व कुणबी मराठा जाति की संख्या अधिक है। प्रमाणपत्र जारी करते समय यह देखा जाता है कि पुराना दस्तावेज महत्वपूर्ण होता है आैर उसमें जिस जाति का उल्लेख है उसे ही आधार माना जाता है। कुणबी व मराठा दो स्वतंत्र जातियां हैं।

केंद्र से ही निकल सकता है रास्ता

चंद्रलाल मेश्राम, पूर्व न्यायाधीश व सदस्य राज्य ओबीसी आयोग के मुताबिक मराठा समाज के आरक्षण का मुद्दा काफी वर्षों से चल रहा है। जाति जन्म से होती है, जो बदलती नहीं है। मराठा कुणबी और कुणबी मराठा यह ओबीसी की सूची में हैं। मराठा को आरक्षण नहीं है। केंद्र सरकार संविधान संशोधन कर मराठा समाज को स्वतंत्र आरक्षण दे सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार को आरक्षण की सीमा बढ़ानी होगी। जिस तरह ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी स्वतंत्र आरक्षण दिया, उसी तर्ज पर केंद्र चाहे, तो मराठा समाज को आरक्षण दे सकती है।

Created On :   8 Sept 2023 5:30 PM IST

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