परेशानी: पुलिस कर्मियों के हाल , सुरक्षा करने वाले ‘असुरक्षित’...

पुलिस कर्मियों के हाल , सुरक्षा करने वाले ‘असुरक्षित’...
40 बेड वाले अस्पताल के भरोसे हैं विदर्भ के 50 हजार पुलिस जवान

अभय यादव , नागपुर । राज्य में करीब 1.95 लाख पुलिस बल तैनात है, जिसमें 1.50 लाख महिला कर्मचारी हैं। अकेले नागपुर जिले में 20 हजार और पूरे विदर्भ में तकरीबन 50 हजार के आसपास पुलिस जवान कार्यरत हैं। विडंबना यह कि No big police hospital with all facilities has yet been built in the state for the police department personnel.। नागपुर मेडिकल हब के रूप में स्थापित होता जा रहा है, इसलिए हाईटेक स्वास्थ्य सुविधाएं भी बढ़ रही हैं, मगर हाईटेक होती जा रही पुलिस पारंपरिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर ही आश्रित है। सूत्रों के अनुसार, पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में जल्द ही 100 बेड का पुलिस अस्पताल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस जल्द ही इसकी नींव रखेंगे, मगर दूरी के कारण नागपुर व विदर्भ के पुलिस जवानों के लिए वहां इलाज कराना आसान नहीं होगा। पुलिस महकमे के कई अधिकारी चाहते हैं कि नागपुर में क्षेत्रीय पुलिस अस्पताल बनाया जाए, क्योंकि यहां विदर्भ और परभणी तक के पुलिस जवान उपचार कराने आ सकते हैं।

पटेल बंगले में बनने वाला था : पुलिस अस्पताल के प्रमुख डा. संदीप शिंदे की मानें तो सदर छावनी स्थित पटेल बंगले में जहां साइबर पुलिस थाना संचालित हो रहा है, पहले यहां पर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने प्रयास किया था कि सर्वसुविधायुक्त पुलिस अस्पताल शुरू हो, इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन के पास भेजा गया था, लेकिन बात नहीं बन सकी।

इसलिए जरूरत है : संतरानगरी में पुलिस अस्पताल की लंबे समय से मांग है। कारण, गड़चिरोली जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में मुठभेड़ में जख्मी होने पर जवानों को सबसे पहले उपचार के लिए नागपुर ही लाया जाता है। यहां तक कि कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए जितने अस्पताल नागपुर में हैं, उतने राज्य में दूसरे शहरों में नहीं हैं। पुणे से भी लोग कैंसर जैसी बीमारी का इलाज कराने नागपुर आते हैं।

आवाज नहीं उठाई गई : नागपुर में 40 बेड का पुलिस अस्पताल संचालित हो रहा है, मगर इस अस्पताल में न तो ऑपरेशन थिएटर है और न ही ब्लड बैंक की सुविधा। गंभीर या बड़ी बीमारी होने पर प्राइवेट अस्पताल के सिवाय दूसरा कोई पर्याय न तो इस अस्पताल के डॉक्टरों के पास बचता है आैर न ही बीमार पुलिस जवान या उनके परिजनों के पास। नेताओं व जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा व्यवस्था व बंदोबस्त में हमेशा तैनात रहने वाले शहर के पुलिस जवानों के लिए पुलिस अस्पताल के बारे में कभी अावाज ही नहीं उठाई गई।

62 चिकित्सक दे रहे नि:शुल्क सेवाएं : संतरानगरी में तत्कालीन पुलिस आयुक्त के. व्यंकटेशम के कार्यकाल में पुलिस अस्पताल शुरू किया गया था। वर्ष 2017 में शुरू किए गए इस पुलिस अस्पताल के प्रमुख डॉ. संदीप शिंदे की देख-रेख में संचालित पुलिस अस्पताल में 62 चिकित्सक नि:शुल्क सेवाएं दे रहे हैं, जिसमें आईएमए के 54 और एमपीकेएवाई (महाराष्ट्र पुलिस कुटुंब आरोग्य योजना) के 12 डॉक्टरों का समावेश है। अस्पताल में 20 आईसीयू कक्ष में बेड और 20 रनिंग कक्ष सहित 40 बेड हैं। हर साल 30 हजार से अधिक मरीजों का उपचार इस अस्पताल से होता है।

जगह पर्याप्त है : पुलिस पुलिस लाइन टाकली स्थित पुलिस हेड क्वार्टर परिसर में इतनी जगह है कि 200 बेड का बड़ा अस्पताल आसानी से बन सकता है। राज्य में करीब 1.95 लाख पुलिस बल तैनात है, जिसमें 1.50 लाख महिला कर्मचारी हैं। इतना बड़ा पुलिस बल होने के बाद राज्य में पुलिस विभाग के इन जवानों के लिए सर्व सुविधायुक्त कोई बड़ा पुलिस अस्पताल अभी तक नहीं बन पाया है। क्षेत्रीय अस्पताल बना दिए जाने पर नागपुर, विदर्भ सहित राज्य के अन्य जिलों के पुलिस जवानों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी। -डा. संदीप शिंदे, प्रमुख , पुलिस अस्पताल नागपुर शहर

Created On :   20 Sept 2023 12:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story