- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- लोकतंत्र के मंदिर खंडित किए जा रहे,...
लोकतंत्र के मंदिर खंडित किए जा रहे, इनकी रक्षा करनी होगी : जगदीप धनखड़
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत को विश्व में लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। लोकतंत्र की खूबसूरती ही यही है कि यहां सभी वर्ग और विचारधारओं के लोगों का मुख्यधारा में समावेश है, लेकिन आज हमारी मुख्य समस्या है कि हम विरोधी विचारधारा के प्रति काफी असहिष्णु हो गए हैं। हमें खुले मन और मस्तिष्क से विरोधी विचारों को सुनना चाहिए। असहमति को विरोध न मानें। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार रखे। रेशमबाग स्थित कविवर्य सुरेश भट सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारे देश की संसद और विधानमंडल लोकतांत्रिक आस्था के केंद्र हैं, जहां जनप्रतिनिधियों को चर्चा और विमर्श के जरिए देश को आगे ले जाने का कार्य करना होता है, लेकिन आज इसी लोकतंत्र के मंदिर को खंडित किया जा रहा है। इसकी रक्षा करना जरूरी है।
सीख लेनी चाहिए : उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुर्भाग्य से सदन में आए दिन हंगामा और शोर सुनने को मिलता है। हमारे जनप्रतिनिधियों को संविधान सभा से सीख लेनी चाहिए, जिसने लगभग 3 वर्ष तक विविध वर्ग और विचारधारओं के लोगों के साथ मिल कर काम किया, लेकिन कभी भी बेफिजूल बहस या हंगामा नहीं किया। जनप्रतिनिधियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि संसद या विधानमंडल जनता के पैसों से चलता है। इसकी कार्रवाई को चलाना हम जनप्रतिनिधियों का संवैधानिक कर्तव्य है। जनता को भी जनांदोलनों के जरिए समाज के जिम्मेदारों को अपना कर्तव्य निभाने की याद दिलानी चाहिए।
बड़ा परिवर्तन करेगी नई शिक्षा नीति : नई शिक्षा नीति की खूबियों पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह एक "गेम चेंजर' नीति है, जो भारत की शिक्षा प्रणाली में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगी। कौशल विकास पर आधारित नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक है। इसके फायदे तो अभी से नजर आने लगे हैं, लेकिन अभी भी कुछ राज्यों ने इसे लागू नहीं किया है। मेरी उनसे अपील है कि वे जल्द से जल्द इस नई शिक्षा नीति को लागू करके विद्यार्थियों के विकास में सहायक बनें।
भारत विरोधी प्रपंच से लड़ना होगा : उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आज पूरे विश्व में सर्वोच्च गरिमा हासिल की है। अमेरिका जैसे विकसित देश के साथ हम कंधे से कंधा मिला रहे हैं। हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का सर्वत्र बोलबाला है, लेकिन ऐसा होने के बावजूद कुछ लोग भारत की इस छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करने का काम कर रहे हैं। आज एक भारत विरोधी प्रपंच चलाया जा रहा है। बतौर नागरिक हमारा कर्तव्य है कि हम निजी क्षमता में भी इस प्रपंच के खिलाफ लड़ कर देश की अखंडता को कायम रखें। देश की नीतियां तय करने वाली संसद और सरकार में एक वक्त पर बिचौलियांे का बोलबाला था, जो सरकार की नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करते थे। वर्तमान एनडीए सरकार ने इन िबचौलियों को हटा कर भ्रष्टाचार का सफाया कर दिया है। इससे तिलमिला कर भ्रष्टाचारी एक हो गए हैं।
नागपुर विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए उपराष्ट्रपति
अपना नजरिया और दायरा बढ़ाएं िवद्यार्थी : राज्यपाल बैस : कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि पहले के समय में विद्यार्थियों के सामने करियर के विकल्प के रूप में चिकित्सक और अभियंता जैसे सीमित विकल्प थे। आज समय बदल गया है। निजी क्षेत्र तेजी से विकसित होकर सरकारी क्षेत्र से ज्यादा नौकरियां दे रहे हैं। ऐसे में युवाओं को भी अपना नजरिया और दायरा बढ़ाना चाहिए। कम से कम एक विदेशी भाषा सीख कर न केवल राज्य और देश बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में बसने की तैयारी होनी चाहिए। उन्होंने नई शिक्षा नीति की खूबियों पर भी प्रकाश डाला। प्रस्तावना कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी ने रखी। मंच पर प्र-कुलगुरु संजय दुधे भी उपस्थित थे।
1 लाख रोजगार देना लक्ष्य : गडकरी : कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि उपस्थित केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि शिक्षा को देश में सबके लिए सुगम बनाने पर सरकार का जोर है। देश के विकास में ज्ञान, विज्ञान और तंत्र ज्ञान की अहम भूमिका है। विदर्भ की भूमि पर मिहान जैसा औद्योगिक क्षेत्र है, जहां लगातार नई-नई उद्योग ईकाइयां आ रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि नागपुर और विदर्भ के लगभग 1 लाख युवाओं को यहां रोजगार मिले।
उद्योगों के अनुसार हो मनुष्यबल : फडणवीस : कार्यक्रम के दूसरे विशष अतिथि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नागपुर सामाजिक आंदोलन की भूमि है। अब नागपुर विवि समेत तमाम संस्थान नई शिक्षा नीति को लागू कर रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रीलियन और राज्य को 1 ट्रीलियन अर्थव्यवस्था बनाना हमारा लक्ष्य है, जिसमें युवाओं की भूमिका अहम होगी। विवि उद्योग की जरूरत के अनुसार विद्यार्थियों को शिक्षित कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
Created On :   5 Aug 2023 2:39 PM IST