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बदहाली: 9 "आपला दवाखाने’ बंद होने की कगार पर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने "बालासाहब ठाकरे आपला दवाखाने' खोलकर गरीबों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की वाहवाही लूटी। अब उन्हीं दवाखानों में डॉक्टर और दवाइयों की किल्लत के कारण मरीज मुंह मोड़ने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में खोले गए 9 आपला दवाखाने बंद होने की कगार पर पहुंचने पर जिला परिषद उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने चिंता व्यक्त की।
1 मई से हुई शुरुआत : राज्यभर में 1 मई से आपला दवाखानों की शुरुआत हुई। दवाखाने खोलकर सरकार ने गरीबों को नि:शुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध कराने का जोर-शोर से प्रचार- प्रसार किया। किसानों, मजदूरों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलने की दृष्टि से दोपहर 2 से रात 10 बजे तक समय रखा गया। दवाखाने का समय किसानों, मजदूरों के लिए सुविधाजनक है, लेकिन दवाइयां नहीं मिलने से मरीजों को निराशा हाथ लग रही है।
नियमित टीके और औषधि की कमी : राऊत ने बताया कि ब्लड प्रेशर, शुगर और शून्य से 15 वर्ष के बच्चों को दिए जानेवाले नियमित टीके की सप्लाई सरकार की ओर से की जाती है। जिला परिषद स्तर से इन दवाइयों की खरीदी नहीं की जाती। सरकारी स्तर से दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है। दवाइयों की कमी के चलते ब्लड प्रेशर, शुगर की दवा मरीजों को मात्र एक सप्ताह की दवा देनी पड़ रही है। पहले एक महीने की दवा दी जाती थी। आपूर्ति कम होने पर पंद्रह दिन की दवा देनी पड़ रही थी। बच्चाें को समय पर नियमित टीके नहीं लगा पा रहे हैं। दवा नहीं मिलने से मरीज आपला दवाखाने से मुंह मोड़ने लगे हैं।
आयुष्यमान भव उपक्रम भी दिखावा : केंद्र व राज्य सरकार से आयुष्यमान भव अभियान शुरू किया है। इस अभियान अंतर्गत शिविर लगाकर स्वास्थ्य जांच की जा रही है। जांच में रोग निदान होने पर मरीजों को दवाइयां उपलब्ध नहीं हो रही हैं। सरकार का आयुष्यमान भव उपक्रम महज दिखावा है। पहले आवश्यक औषधि और डॉक्टर उपलब्ध करने व बाद में ऐसे उपक्रम चलाने की राऊत ने सरकार को सलाह दी।
तब सीएम शिंदे ने कहा था : 63 वें महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर राज्य के 317 तहसीलों में "हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना’ योजना का शुभारंभ किया गया था। तब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था कि कोरोना ने हमें स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त करने का पाठ पढ़ाया है। छोटी-बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए बड़े अस्पतालों पर दबाव कम करना होगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए और जरूरतमंदों को घर के पास इलाज की सुविधा मुहैया कराने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए हमने इस योजना की शुरुआत ठाणे से की है। इसका क्रियान्वयन मुंबई में शुरू हुआ और अब पूरे राज्य में इसके क्लीनिक शुरू हो रहे हैं। इससे अब जरूरतमंदों को घर के पास इलाज की सुविधा मिलेगी। करीब 30 जांच नि:शुल्क की जाएंगी।
Created On :   29 Sept 2023 3:01 PM IST