मातृभूमि, मातृभाषा व मां सबसे बढ़कर

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा-भारतीयता ही हमारी पहचान
  • परिवार, समाज और समुदाय में मातृभाषा का प्रयोग करें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र खासकर नागपुर नगरी में अपने पहले दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मातृभूमि, मातृभाषा और मां को सबसे बढ़कर बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर देश और विदेश में ज्ञान अर्जन कर बड़ा अच्छा काम कर रहे हैं। जन्मस्थली से दूर रहकर हमारी स्थानीय भाषा से भी जुड़े रहे, अच्छा है। मैं सभी लोगों से कहना चाहती हूं कि आप लोगों का कर्तव्य बनता है कि परिवार, समाज और समुदाय में मातृभाषा का प्रयोग करें। अपने बच्चों को मातृभाषा का ज्ञान दें। दूसरी भाषा और संस्कृति को सीखना अच्छा है। अाप अपने जीवन में कुछ भी बनें, लेकिन मातृभूमि और मातृभाषा को कभी न भूलें। भारतीयता ही हमारी पहचान है।

हर बच्चे और युवा को आकर्षित करेगा : बैस : महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि भारतीय विद्या भवन्स संस्कृति के विकास के लिए काम कर रहा है। दुनिया भर के बच्चे और युवाओं को यह आकर्षित करेगा और यह एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल बनेगा। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने इसे बनाने की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि नागपुर देश का जीरो माइल है। 350 वर्ष पहले गोंडराजा ने नागपुर नगरी की स्थापना की थी। सीपी एन्ड बेरार की यह राजधानी रही। हेडगेवार की समाधि और दीक्षाभूमि दोनों विचारधारा यहां है।

नागपुर वैश्विक नक्शे पर आएगा : गडकरी : केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि भारतीय विद्या भवन्स ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का केंद्र बनाया है। वाल्मीकि ने रामायण में जो वर्णन किया है, उसके मुताबिक यहां दर्शाया गया है। कोराडी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बावनकुले का भी विशेष अभिनंदन करते हुए गडकरी ने कहा कि उन्होंने इसे नंदनवन बनाया है। ये दोनों प्रकल्प नागपुर को वैश्विक नक्शे पर ले जाएंगे। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र में खासकर गड़चिरोली और नागपुर को भेंट दी। बनवारीलाल पुरोहित ने इस सांस्कृतिक केंद्र के माध्यम से नागपुर को अनमोल भेंट दी है। रामायण को सुंदर ढंग से चित्रित किया और तीन भाषाओं में बताने का काम किया है। आने वाली पीढ़ी इससे प्रेरणा लेगी।

ये थे उपस्थित : बुधवार को कोराडी मंदिर परिसर में राष्ट्रपति मुर्मु ने भारतीय विद्या भवन्स सांस्कृतिक केंद्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर वे बोल रही थीं। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सम्मान चिह्न और शाल देकर उनका स्वागत-सम्मान किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री िनतीन गडकरी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कोराडी देवस्थान मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, भारतीय विद्या भवन्स के अध्यक्ष राजेंद्र पुरोहित, संयुक्त सचिव जगदीश लखानी, संचालक अन्नपूर्णी शास्त्री उपस्थित थे।

युवा पीढ़ी को प्रेरणा : राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि हाल में मुझे सुरीनाम में भारतीयता का अनुभव करने का मौका मिला। आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। स्वाधीनता सेनानियों और परमवीर चक्र विजेताओं के चित्र की पेंटिंग के रूप में दर्शाया गया है। यह आवश्यक है। हमें युवा पीढ़ी को स्वाधीनता संग्राम के मूल्य से जोड़ना होगा। उन्हें संघर्ष और अमर स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताना होगा। मैं इस सांस्कृतिक केंद्र के लिए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और उनकी टीम को विशेष बधाई देती हूं। मुझे भरोसा है कि यह सांस्कृतिक केंद्र नागपुर खासकर उसके आसपास के क्षेत्र की हमारी युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने में विशेष भूमिका निभाएगी।

Created On :   6 July 2023 10:14 AM IST

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