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सातवीं मंजिल के प्रस्ताव ने अटका दिया अंतिम चरण का काम
- विभाग व प्रबंधन की बैठक के बाद तैयार होगी रूपरेखा
- सितंबर में नहीं, मार्च 2024 में होगी तैयार
- प्रस्ताव ने अटका दिया अंतिम चरण का काम
डिजिटल डेस्क, नागपुर. समय-समय पर निर्णय बदलने का असर सरकारी कामों पर कैसे पड़ता है, इसका उदाहरण है इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो)। चार साल से यहां योजनानुसार छह मंजिला इमारत का निर्माण शुरू है। इसका 90 फीसदी काम पूरा हुआ है। 10 फीसदी काम नवंबर तक पूरा हाेने का दावा किया गया था। अब इसमें नया पेंच आ गया है। इस इमारत पर एक मंजिल बढ़ाकर सात मंजिल करना है। बीते मार्च में यह प्रस्ताव आया। इस प्रस्ताव की रूपरेखा तैयार नहीं हो पायी है। जल्द इसके लिए बैठक ली जाने वाली है। इस चक्कर में 90 फीसदी पूरी हो चुकी इमारत का काम अटक गया है।
विभाग व प्रबंधन की बैठक के बाद तैयार होगी रूपरेखा
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब छह और एक मिलाकर सात मंजिल की इमारत की कुल लागत 94. 04 करोड़ रुपए हो चुकी है। पुरानी छह मंजिल योजना के अनुसार तैयार की गई हैं। अब सातवीं मंजिल के निर्माण के लिए योजना तैयार करनी है। फिलहाल लोकनिर्माण विभाग ने इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन सातवीं मंजिल की व्यवस्था कैसी होगी, वहां का सिविल निर्माण, बिजली व्यवस्था, जलापूर्ति, पहुंचने के लिए लिफ्ट आदि पर विचार-विमर्श करने के बाद ही तैयारी की जाएगी। इसके लिए लोकनिर्माण विभाग व अस्पताल प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक ली जाने वाली है। बैठक में सातवीं मंजिल की आवश्यकता और वहां के निर्माण पर चर्चा की जाएगी। उसके अनुसार ही वहां का निर्माण होगा।
सितंबर में नहीं, मार्च 2024 में होगी तैयार
मेयो अस्पताल शहर का सबसे पुराना सरकारी अस्पताल है, इसलिए यहां के अलग-अलग विभाग बिखरे हुए हैं। इन विभागों को एक ही स्थान पर लाने के लिए अत्याधुनिक सुविधायुक्त इमारत निर्माण का प्रस्ताव 2017 में मंजूर हुआ। 77.64 करोड़ रुपए से 21 हजार वर्ग मीटर जमीन पर 2019 में निर्माण शुरू हुआ। कोरोनाकाल के दौरान काम की गति कम हुई। इसके बाद काम तेजी से हुआ। छह मंजिला इमारत का काम अब तक 90 फीसदी हो गया। अब अचानक 16 मार्च 2023 को इमारत पर एक मंजिल और बढ़ाने के लिए 16.40 करोड़ के प्रस्ताव को प्रशासकीय मंजूरी दी गई। 10 फीसदी काम होने के बाद जो इमारत इसी सितंबर में मेयो को हस्तांतरित की जाने वाली थी, वह अटक गई है। अब सातवीं मंजिल समेत यह इमारत मार्च 2024 में पूरा होने की संभावना जतायी जा रही है।
हर मंजिल योजनानुसार तैयार हुई
छह मंजिल की निर्मित इमारत के तल माले पर छोटे-बड़े 500 वाहनों की पार्किंग व्यवस्था है। पहली मंजिल पर फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग और एक कैंटीन, दूसरी मंजिल पर पैथोलॉजी विभाग, तीसरी मंजिल पर फॉर्माकोलॉजी विभाग, चौथी मंजिल पर लाइब्रेरी, पांचवी मंजिल पर रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग और डेंटिस्ट विंग, छठवीं मंजिल पर ईएनटी विभाग और परीक्षा सभागार है। हर मंजिल पर 350 आसन क्षमता वाला लेक्चर हॉल है। अलग-अलग स्थानों पर 6 लिफ्ट और पांच सीढ़ियां बनायी गई हैं। कोरोनाकाल में निधि की कटौती होने से काम धीमी गति से चला। अब छह मंजिला इमारत का निर्माण पूरा हो चुका है। सितंबर में यह इमारत मेयो को हस्तांतरित की जाने वाली थी, लेकिन नई मंजिल के चलते यह इमारत अब मार्च 2024 तक पूरी होने का दावा किया गया है।
Created On :   12 Jun 2023 5:11 PM IST