नो हॉन्किंग अभियान: अनावश्यक हॉर्न बजाने से होता है ध्वनि प्रदूषण, पीआरएसआई संस्था देगी साथ, पुलिस आयुक्त से हुई मुलाकात

अनावश्यक हॉर्न बजाने से होता है ध्वनि प्रदूषण, पीआरएसआई संस्था देगी साथ, पुलिस आयुक्त से हुई मुलाकात
  • नो हॉन्किंग अभियान
  • पीआरएसआई करेगा सहियोग
  • पुलिस आयुक्त से मुलाकात हुई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ़ इंडिया PRSI नागपुर के पुलिस आयुक्त द्वारा चलाई गई "नो हॉन्किंग" No Honking मुहिम में सहयोग करेगा. PRSI नागपुर चैप्टर के पदाधिकारियों ने सोमवार,10 जून को पुलिस आयुक्त डॉ रवीन्द्र कुमार सिंगल से मिलकर इस सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की। पुलिस आयुक्त ने PRSI की इस पहल का स्वागत करते हुए उसके पदाधिकारियों के प्रति जन जागरूकता फ़ैलाने हेतु आभार प्रकट किया. चर्चा के दौरान, पीआरएसआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (पश्चिम) सर्वश्री एस पी सिंह, नागपुर चैप्टर के अध्यक्ष यशवंत मोहिते, सचिव मनीष सोनी,संयुक्त सचिव प्रसन्न श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष शरद मराठे,वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार, अनिल गडेकर उपस्थित थे. पीआरएसआई के पदाधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में जन-जागृति हेतु सेमिनार, स्कूल-कॉलेज तथा युवाओं के लिए पोस्टर,स्लोगन और वक्तृत्व प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा.उन लोगों ने यातायात संबंधी अन्य समस्याओं की ओर भी पुलिस आयुक्त का ध्यान आकृष्ट किया।


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ट्रैफिक पुलिस मोटर चालकों के बीच हॉर्न बजाने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए नो हॉन्किंग अभियान चलाएगी। अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने से ध्वनि प्रदूषण होता है और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए, ट्रैफिक पुलिस ने जागरुकता अभियान चलाने का फैसला किया है।

यातायात पुलिस मोटर चालकों को यह सुनिश्चित करने की सलाह देती है कि उनके वाहनों के हॉर्न और साइलेंसर केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के दिशानिर्देशों के अनुसार हों। ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों ने आवासीय और शांत क्षेत्रों में डेसिबल स्तर और हॉर्न के उपयोग पर दिशा-निर्देश और प्रतिबंध लगाए हैं। शांत क्षेत्रों में अस्पताल, न्यायालय, धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थान आदि शामिल हैं। इन क्षेत्रों में रात में 40 डेसिबल से अधिक ध्वनि स्तर की अनुमति नहीं है।

Created On :   10 Jun 2024 2:42 PM GMT

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