नर्सिंग कॉलेज की इमारत को लेकर उठ रहे सवाल

नर्सिंग कॉलेज की इमारत को लेकर उठ रहे सवाल
  • इमारत की हालत खराब
  • नर्सिंग कॉलेज की इमारत को लेकर उठ रहे सवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर. नर्सिंग सेवा को स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ की हड्डी माना जाता है, लेकिन सरकार और प्रशासन इस सेवा से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों को अधिक महत्व नहीं देते, इसलिए उनकी समस्याओं की अनदेखी की जाती है। हाल ही में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) से संलग्न नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा की मृत्यु हुई। मृत्यु का कारण अभी पता नहीं चला है। इस घटना के बाद नर्सिंग कॉलेज की इमारत को लेकर वहां के विद्यार्थियों में अलग-अलग तरह की चर्चाएं की जा रही हैं।

इमारत की हालत खराब

इस साल मेडिकल के निर्माण को 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस बहाने यहां अमृत महोत्सव मनाया जाने वाला है। नर्सिंग कॉलेज की जब शुरुआत हुई थी, तब छात्रावास के तल माले के कुछ कमरों की दीवारें गिराकर कक्षाएं व प्रशासकीय व्यवस्था की गई। अब इस इमारत की हालत खराब हो चुकी है। कचरा, बाथरूम में गंदगी, धूल-मिट्‌टी, मच्छरों का प्रकोप आदि के चलते यहां रहना मुश्किल हो चुका है, फिर भी मजबूरी में विद्यार्थी रहते हैं। कॉलेज के नाम पर चार कमरे और शिक्षक व क्लर्क के लिए दो कमरे मिलाकर कार्यभार चल रहा है। इमारत के अन्य हिस्से में विद्यार्थी रहते हैं। दो दिन पहले जम्मू कश्मीर की शीतल राजकुमार नामक छात्रा की मृत्यु के बाद प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने इमारत में चक्कर काटे हैं। इतना ही नहीं हर रोज अधिकतर अधिकारी नर्सिंग होस्टल के सामने से आवाजाही करते हैं। इमारत में अनेक स्थानों पर दरारें पड़ी हैं। कभी भी अप्रिय घटना होने की संभावना विद्यार्थियों ने व्यक्त की है। सूत्रों ने बताया कि कुछ साल पहले इस इमारत के नवीनीकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। यह प्रस्ताव वर्षों से धूल खा रहा है। जब छात्रा की मृत्यु हुई, तो प्रशासन की नींद खुली है। 80 करोड़ रुपए के इस प्रस्ताव की मंजूरी के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जानेवाला है।

Created On :   9 July 2023 5:22 PM IST

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