इतवारी व अन्य स्टेशन परिसर में लगेंगे री-साइकिलिंग प्लांट

इतवारी व अन्य स्टेशन परिसर में लगेंगे री-साइकिलिंग प्लांट
जल्द ही इतवारी सहित कई रेलवे स्टेशनों पर वॉटर री-साइकिलिंग प्लांट तैयार किए जा रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्यावरण संरक्षण के लिए रेलवे ने कई प्रकल्प शुरू किए हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से बिजली, पानी, वायु संरक्षण, संवर्धन व बचत के लिए विवध स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही इतवारी सहित कई रेलवे स्टेशनों पर वॉटर री-साइकिलिंग प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। दपूम के अधिकार क्षेत्र के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 36 रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्रकल्प तैयार किए गए हैं, 7 वॉटर री-साइकलिंग प्लांट की स्थापना और 12 तालाबों का निर्माण व नवीनीकरण किया गया है।

लगाए जा रहे सौर ऊर्जा संयंत्र : ऊर्जा संरक्षण अभियान के तहत दपूम रेलवे द्वारा अनेक जगहों पर सोलर प्लांट लगाकर 4.636 मेगावाट बिजली का उपयोग किया जा रहा है। इससे करोड़ों रुपए की विद्युत बिल में बचत हो रही है। इससे कई टन कार्बन उत्सर्जन की रोकथाम भी हुई है। वर्ष 2020-23 तक दपूम रेलवे द्वारा 3150 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य है। भिलाई में 50 मेगावाट लैंड बेस्ड सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जा रही है, साथ ही बिलासपुर, रायपुर, नागपुर में 725 एकड़ भूमि का चयन लैंड बेस्ड सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए किया गया है।

ध्वनि प्रदूषण कम किया : दपूम रेलवे अंतर्गत एलएचबी कोच आधारित दर्जनों ट्रेनों में एचओजी (हेड ऑन जनरेशन) सिस्टम लगाया गया है। इसके जरिए ध्वनि प्रदूषण को कम किया गया है। एचओजी सिस्टम अपनाने से ट्रेनों का रूपांतरण ग्रीन ट्रेन में हो रहा है। इन ट्रेनों में महंगे डीजल का उपयोग न कर अब सीधे ग्रीड से बिजली ली जा रही है। दपूम रेलवे द्वारा अब तक कुल 5568 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया है।

दपूम रेलवे ने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए वित्त वर्ष 2020-23 तक 3 लाख 64 हजार पेड़ लगाए हैं। 12 डीजल इंजनों को बंद कर दिया गया है। 39 डब्लयूएजी-9 इंजन का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही स्टेशन परिसर में हरित विकास को बढ़ावा देते हुए गाड़ियों के कोच में बायो-टॉयलेट लगाने का निर्णय लिया गया है।

Created On :   15 May 2023 7:01 PM IST

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