रिश्तेदार ने लगाया 2.41 करोड़ का चूना

रिश्तेदार ने लगाया 2.41 करोड़ का चूना
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डिजिटल डेस्क, नागपुर. पतंग उड़ाते समय इस्तेमाल किए जाने वाला नायलॉन मांजा (सिंथेटिक), कृत्रिम अथवा बारीक कांच से तैयार किए गए मांजे का इस्तेमाल, उत्पादन, बिक्री, भंडारण पर राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग ने स्पष्ट तौर पर बंदी लगाई है। इस मांजे का इस्तेमाल होता दिखाई देने पर उसे जब्त किया जाए, यह आदेश दिया गया है। महानगरपालिका ने अब तक जब्त किए मांजे को कैसे ठिकाने लगाया? कितने मांजे को ठिकाने लगाया? इसकी जानकारी पेश करने के आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने दिए है।

जिम्मेदारी भी निश्चित की गई है

न्यायालय ने नायलॉन मांजा प्रकरण में सुमोटो जनहित याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से पर्यावरण व वातावरणीय बदलाव विभाग के प्रभारी उपसचिव श्रीकांत ठाकुर ने शपथ-पत्र दायर किया था। इस अनुसार, पर्यावरण व वातावरणीय बदलाव विभाग ने नायलॉन मांजा का इस्तेमाल, उत्पादन, आपूर्ति, बिक्री, भंडारण पर सीधे तौर पर बंदी लगाने का स्पष्ट किया है। इस निर्णय का अमल कौन करेगा, इसकी जिम्मेदारी भी निश्चित की गई है। बुधवार को न्या. अतुल चांदूरकर और वृषाली जोशी (फालके) के समक्ष सुनवाई हुई। इस अवसर पर जब्त किए गए मांजे को ठिकाने लगाने का मुद्दा न्यायालयीन मित्र एड. देवेन चव्हाण ने उपस्थित किया। इस पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस मांजे को ठिकाने लगाने के लिए सूचना जारी कर मनपा को बताया गया था। यह जानकारी मंडल के वकील एस.एस. सन्याल ने दी। इस पर न्यायालय ने उक्त आदेश दिया। मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट ने पक्ष रखा।

Created On :   31 Aug 2023 4:15 PM IST

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