60 लाख से होगी कस्तूरचंद पार्क स्मारक की दुरुस्ती

60 लाख से होगी कस्तूरचंद पार्क स्मारक की दुरुस्ती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के मध्य भाग में स्थित करीब 118 साल पुराने कस्तूरचंद पार्क स्मारक की दुरुस्ती अब जिला नियोजन समिति की निधि से होगी। लंबे समय से इसके रख-रखाव को लेकर सवाल उठते रहे हैं। मनपा प्रशासन से परिसर की सफाई की जाती रही है, लेकिन स्मारक की दुरुस्ती को लेकर कोई पहल नहीं हो रही थी। अब लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1 की ओर से इसकी दुरुस्ती का प्रयास आरंभ किया गया है। 60 लाख रुपए की राशि को प्रस्तावित किया गया है। यह रकम जिला नियोजन समिति के माध्यम से मुहैया कराने को लेकर जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है। लोकनिर्माण विभाग जल्द ही नियोजन समिति को प्रस्ताव देगा। वैसे लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर ने अनौपचारिक रूप से सहमति दे दी है, लेकिन औपचारिक प्रस्ताव को जल्द ही बैठक में मान्यता दी जाएगी।

नियोजन समिति की 3 फीसदी राशि से संवर्धन : राज्य सरकार के नियोजन विभाग ने 14 दिसंबर 2022 को परिपत्रक जारी किया है। इस परिपत्रक में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर पुरातत्व महत्व वाले गढ़, किले, मंदिर एवं अन्य स्मारकों को संरक्षित करने के लिए निधि प्रावधान को मंजूरी दी गई है। पुरातत्व संवर्धन में निधि की कमी को देखते हुए अब जिला नियोजन समिति में जिला वार्षिक योजना (सर्वसाधारण) की 3 फीसदी राशि को 3 सालों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस निधि से ही 60 लाख रुपए का प्रावधान कस्तूरचंद पार्क के ढांचे की दुरुस्ती के लिए खर्च प्रस्तावित किया गया है। परिपत्रक के मुताबिक, केन्द्रीय पुरातत्व विभाग ने राज्य में राष्ट्रीय महत्व वाले 288 स्मारकों को चिन्हित किया है। इसके अलावा राज्य के सांस्कृतिक कार्य विभाग ने पुरातत्व एवं वस्तु संग्रहालय के माध्यम से 387 स्मारकों को संरक्षित स्मारक माना है। इन स्मारकों में गेटवे आफ इंडिया, जेजूरी, रायगड़ सिंहगड़ किले, लोकमान्य तिलक एवं स्वातंत्र्यवीर सावरकर के जन्मस्थान का भी समावेश है। इन सभी स्मारकों को अब जिला नियोजन समिति के माध्यम से संवर्धन किया जा सकेगा।

हेरिटेज समिति की अनुमति से ही आयोजन : लंबे समय से जिला प्रशासन कस्तूरचंद पार्क को विविध आयोजनों के मुहैया कराता रहा है। 1 अप्रैल 2004 से साल 2011 तक करीब 228 आयोजन के लिए प्रशासन ने अनुमति दी थी। इस अनुमति के लिए प्रशासन को करीब 1 करोड़ रुपए से अधिक की आमदनी हुई थी। मैदान की पर्याप्त देखभाल के अभाव में बुरे हाल हो रहे थे। ऐसे में न्यायालय के निर्देश पर ऐतिहासिक और पुरातन महत्व को देखते हुए अब सार्वजनिक आयोजनों को पाबंद कर दिया गया है। हालांकि हेरिटेज समिति की अनुशंसा पर विशेष शर्ताें पर चुनिंदा आयोजनों के लिए कस्तूरचंद पार्क को दिया जाता है। मैदान की नियमित रूप से देखभाल की जिम्मेदारी मनपा और लोकनिर्माण विभाग को दी गई है।

जिला प्रशासन को भेजेंगे दुरुस्ती प्रस्ताव _ जिला नियोजन समिति की कुल निधि से 3 फीसदी राशि को पुरातत्व महत्ववाली इमारतों के संरक्षण के लिए खर्च करने का निर्देश मिला है। ऐसे में कस्तूरचंद पार्क की हेरिटेज छतरी को दुरूस्त करने का प्रस्ताव बनाया गया है। करीब 60 लाख रुपए की निधि से पुरातत्व विशेषज्ञों की सहायता से दुरुस्ती को आरंभ किया जाएगा। -अभिजीत कुचेवार, कार्यकारी अभियंता, लोकनिर्माण विभाग क्रमांक 1

Created On :   11 Aug 2023 10:42 AM IST

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