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बारिश: मची रही भगदड़, जीर्ण इमारत में फंसे रहे 100 विद्यार्थी
- जल निकासी की व्यवस्था करने मनपा ने दिया था नोटिस
- मेयो प्रशासन की लापरवाही, जवाहर छात्रावास राम भरोसे
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शुक्रवार आधी रात के बाद हुई जोरदार बारिश ने फिर एक बार मेयो प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। यहां का जवाहर छात्रावास काफी जीर्ण हो चुका है। इसी जीर्ण इमारत में मेडिकल के 100 विद्यार्थी रहते हैं। बारिश के दौरान इन विद्यार्थियों में भगदड़ मच गई। कुछ विद्यार्थी तो छात्रावास छोड़ दूसरे छात्रावास में चले गए थे। वहीं कुछ ने तल माला छोड़ ऊपर के माले पर सहारा लिया था। जवाहर छात्रावास का पानी बाहर निकालने के लिए अग्निशमन दल आया था, लेकिन पानी निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से पानी कहां छोड़ें, यह सवाल पैदा हो गया था। देर रात तक विद्यार्थी छात्रावास में ही अटके थे। मेयो प्रशासन ने विद्यार्थियों के उतरने के लिए सीढ़ी की व्यवस्था की थी।
सुधार की बात हर बार हाशिये पर : इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) के पुराने छात्रावास सुभाष व जवाहर में पानी निकासी की समस्या बरसों पुरानी है। जब भी संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता है, तो मनपा की टीम मेयो अस्पताल का निरीक्षण करती है। तब वहां बराबर पानी निकासी नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने व बीमारियां होने की पुष्टि की जाती है। मनपा द्वारा पिछले साल मेयो प्रशासन काे पानी निकासी की व्यवस्था करने के लिए नोटिस भी दिया गया था। बावजूद सुधार नहीं किया गया।
110 इंटर्न डॉक्टरों को दिया नोटिस : मेयो का जवाहर छात्रावास काफी जीर्ण हो चुका है। कुछ महीने पहले ही सार्वजनिक निर्माण विभाग से इस छात्रावास को लेकर मेयो प्रशासन को रिपोर्ट दिया है। स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जवाहर छात्रावास जीर्ण हो चुका है, इसलिए इसे गिराना जरूरी है। इस छात्रावास की क्षमता 100 विद्यार्थियों की है। यहां एमबीबीएस पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी रहते हैं। इसी महीने में यहां रहनेवाले 110 इंटर्न डॉक्टरों को नोटिस देकर छात्रावास छोड़ने के लिए कहा गया है। इस बात को लेकर डॉक्टरों ने एसोसिएशन ऑफ स्टेट मेडिकल इंटर्न्स महाराष्ट्र के माध्यम से मेयो के अधिष्ठाता को समस्या का हल निकालने पत्र दिया गया था। उस समय अधिष्ठाता ने डॉक्टरों के निवास की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अधिष्ठाता का तबादला संभाजीनगर में हो गया। इस कारण यह विषय अधर में लटका है। नये अधिष्ठाता आएंगे, तब इस पर पुनर्विचार होगा। अब भी जीर्ण इमारत में 100 विद्यार्थी रहते हैं। जीर्ण इमारत में रहने से विद्यार्थियों की जान को खतरा है।
सूत्रों ने बताया कि जवाहर व सुभाष छात्रावास परिसर में हर साल बरसात का पानी जमा होता है। साल के चार महीने यहां पानी जमा रहता है। जब गर्मी के दिन आते हैं, तब पानी सूखता है। यहां का पानी निकासी के लिए पिछे एक नाला है। वहां तक पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव है। लेकिन उस नाले पर अतिक्रमण कर छत बना ली गई है। कुछ मकान भी बनने की जानकारी दी गई है। इस कारण पानी निकासी की नई पाइप लाइन डालने के लिए मेयो को दूसरा विकल्प तलाशना पड़ रहा है। इस पर अभी निर्णय नहीं हो पाया है।
Created On :   25 Sept 2023 7:34 PM IST