बढ़ता संक्रमण: सरकारी अस्पतालों में पहुंचने लगे संदिग्ध मरीज, सात महीने में चिकनगुनिया के 296 और डेंगू के 96 मरीज

सरकारी अस्पतालों में पहुंचने लगे संदिग्ध मरीज, सात महीने में चिकनगुनिया के 296 और डेंगू के 96 मरीज
  • सात महीने में चिकुन गुनिया के 296 व डेंगू के 96 मरीज
  • सरकारी अस्पतालों में पहुंचने लगे संदिग्ध मरीज
  • स्कूल-कॉलेज में सावधानी बरतना जरुरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों के निवासी डॉक्टर्स, इंटर्न्स, सीनियर डॉक्टर्स काम पर लौटे। सरकारी अस्पतालों में संदिग्ध मरीज पहुंचने लगे हैं। पिछले सात महीनों में से शुरुआती पांच महीने में डेंगू और चिकुन गुनिया की स्थिति सामान्य रही, लेकिन दो महीने से अधिक समय से इसमें इजाफा हुआ है। साल महीने में किसी की मौत होने की पुष्टि नहीं हो पायी है। शहर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. उदय बाेधनकर ने बीमारी प्रसार को रोकन उपाय बताए है। शहर में 1 जनवरी से 22 अगस्त तक चिकुन गुनिया के 1411 संदिग्ध मरीज पाए गए। इनमें से 296 मरीज पाॅजिटिव है। इस अवधि में डेंगू के 1446 संदिग्धों की जांच में 93 मरीज पॉजिटिव मिले है। डेंगू और चिकुन गुनिया से मृत्यु का आंकडा शून्य है। मनपा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब तक 5,94,668 घरों की जांच की है। 24, 30, 701 लोगों की जांच की गई है। कुल 909 रक्त नमूनों की जांच की गई है। दो चरणों में यह काम किया गया है। जोन स्तर पर जांच अभियान शुरु है। 1 जनवरी से 22 अगस्त तक स्थिति इस प्रकार रही है।

स्कूल-कॉलेज में सावधानी बरतना जरुरी

कोमहॉड यूके के कार्यकारी निदेशक व बालरोग विशेषज्ञ डॉ. उदय बोधनकर ने डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के लक्षणों का फर्क समझने का आह्वान किया है। उन्हांेने उपराजधानी में बढ़ते हुए संक्रमण चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों से लड़ाई के लिए स्कूल- कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए संक्रमण का बच्चों में प्रसार रोकने के लिए शैक्षणिक संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। मनपा आयुक्त, जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग को सलाह दी है कि बच्चे स्कूल- कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में ज्यादा वक्त बिताते हैं। दिन का यही वक्त होता है, जब मच्छर रात की तुलना में अधिक सक्रिय होते हैं और काटते हैं। देखा जा रहा है कि बच्चे दिन में मच्छरों के काटने से संक्रमित होते हैं, फिर यह संक्रमण परिवार के अन्य सदस्यों में फैल जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को स्कूल यूनिफॉर्म में फुल पैंट, ट्राउजर, स्लैक्स, मोजे के साथ पहनना अनिवार्य करने का सुझाव दिया है। इससे डेस्क और बेंच के नीचे मच्छरों के डंक से बचा जा सकेगा और संक्रमण नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी। विद्यालय या कॉलेज जाते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम लगानी चाहिए। कक्षाएं शुरू होने से एक घंटे पहले और कक्षा समाप्त होने के बाद मच्छर भगाने वाले वेपोराइजर और हर्बल स्प्रे का उपयोग किया जाए। घरों के अलावा शिक्षा संस्थानों में पानी के कंटेनरों को नियमित साफ किया जाना चाहिए। आसपास कहीं भी पानी जमा ना होने दें, हर दिन साफ-सफाई की जानी चाहिए। यदि खुले स्थानों में गढ्‌ढे हैं, तो उन्हें भर देना चाहिए। जिससे पानी जमा नहीं हो सके। परिसर में अतिरिक्त घांस और गैरजरूरी झाड़ियों की नियमित छंटाई करनी चाहिए। ऐसा भी डॉ. बोधनकर ने बताया है।

Created On :   23 Aug 2024 8:20 PM IST

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