मुश्किल में थैलेसीमिया पीड़ित - 1.42 करोड़ की डेफ्रॉसिरॉक्स 1000 लोगों के लिए आफत

मुश्किल में थैलेसीमिया पीड़ित - 1.42 करोड़ की डेफ्रॉसिरॉक्स 1000 लोगों के लिए आफत
  • सरकारी केंद्रों पर थैलेसीमिया पीड़ितों को नि:शुल्क दवा
  • दवा का विपरीत असर
  • शरीर में आयरन बढ़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर. कंपनी बदलने के बाद से राज्य भर के सरकारी केंद्रों पर थैलेसीमिया पीड़ितों को नि:शुल्क दी जा रही दवा का विपरीत असर हो रहा है। इसलिए पीड़ित दवा नहीं ले रहे हैं। दिक्कत यह कि दवा न लेने से उनकेशरीर में आयरन बढ़ रहा है। इससे अन्य बीमारियों की आशंका गहराने लगी है। राज्य भर के लिए 1.42 करोड़ रुपए की दवा खरीदी जा चुकी है। सरकार के एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) द्वारा जिले के लिए कुल 3 लाख टैबलेट का कोटा मंजूर किया गया है। इसमें से 50 हजार टैबलेट्स आ चुकी है। सूत्रों ने बताया कि सस्ते दाम के चक्कर में ठेका कंपनी ने बजाज की डेफ्रासिरॉक्स खरीदकर आपूर्ति की है।

केस-1 - 15 साल का आयुष (बदला हुआ नाम) कक्षा 10 वीं में पढ़ता है। वह थैलेसीमिया मेजर है। हर 15 दिन में रक्त चढ़ना पड़ता है। उसे रोज 500 एमजी की 4 डेफ्रासिरॉक्स टैबलेटस् लेनी पड़ती है। दो महीने से दवा कंपनी बदलने से हर महीने 4800 रुपए खर्च कर बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है।

केस- 2 - 5 साल की आयुषी (बदला हुआ नाम) भी थैलेसीमिया मेजर है। हर 20 दिन के बाद रक्त चढ़ाना पड़ता है। हर रोज 500 एमजी की डेफ्रासिरॉक्स एक टैबलेट देनी पड़ती है। नई कंपनी की टैबलेट जबरन खिलाई जाती है, लेकिन वह थूक देती है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने से बाहर से दवा खरीद पाना संभव नहीं है।

हिमेटोलॉजी केंद्र में 450 पंजीकृत मरीज : राज्य सरकार ने एनएचएम अंतर्गत थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए जीवनावश्यक दवा डेफ्रासिरॉक्स खरीदने की जिम्मेदारी टेंडर प्रक्रिया के तहत हॉफकिन बायो फार्मास्यूटिकल्स कार्पोरेशन कंपनी को दिया। 1.42 करोड़ रुपए की दवा खरीदकर एनएचएम को दी गई। इसमें 500 एमजी और 250 एमजी टैबलेटस् का समावेश है। नागपुर जिले के लिए 3 लाख टैबलेटस् का कोटा मंजूर किया गया है। इसमें 500 व 250 एमजी की टैबलेटस् बराबरी के प्रमाण में मिलने वाली है। अब तक 50 हजार टैबलेटस् मिल चुकी है। जिले में पंजीकृत थैलेसीमिया पीड़ितों की संख्या 450 है। हालांकि इनकी संख्या 1000 से अधिक होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। पेशंट राइटस् फोरम नागपुर के राज खंडारे व डागा केंद्र के डॉ. संजय देशमुख ने एनएचएम कार्यालय को सूचित किया है। दवा व दवा कंपनी बदलने का अनुरोध किया गया है।

जल्द ही बदली जाएगी दवा कंपनी

महेंद्र केंद्रे, उपसंचालक, नेशनल हेल्थ मिशन के मुताबिक नई कंपनी की दवा के बारे में शिकायत मिली है। यह दवा सरकार के नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया पूरी कर खरीदी गई है। शिकायत मिलने के बाद हाफकिन कंपनी को बताया गया है। यदि इस कंपनी ने दवा कंपनी नहीं बदली तो एल वन, एल टू नियमानुसार एल टू यानि दूसरी कंपनी को दवा आपूर्ति का ठेका दिया जाएगा। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाने वाला है।

सरकार दखल ले

डॉ. विंकी रुघवाणी, संस्थापक अध्यक्ष, थैलेसीमिया एंड सिकलसेल सोसायटी ऑफ इंडिया के मुताबिक सरकार को इस विषय की दखल लेकर आपूर्ति करने वाली ठेका कंपनी से दवा कंपनी बदलने को कहना चाहिए या ठेका कंपनी को ही रद्द कर देना चाहिए। विकल्प स्वरूप जिस कंपनी की दवा चाहिए, उस कंपनी से सीधे संपर्क कर दवा खरीदने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।


Created On :   27 Jun 2023 5:59 PM IST

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