ओबीसी...राष्ट्रीय अधिवेशन में 42 प्रस्ताव पारित

ओबीसी...राष्ट्रीय अधिवेशन में 42 प्रस्ताव पारित
तायवाड़े ने कहा- जातिगत जनगणना बगैर समस्या हल नहीं होगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ का 8वां राष्ट्रीय अधिवेशन आंध्रप्रदेश के तिरुपति में हुआ। दिन भर चले अधिवेशन में ओबीसी समाज से संबंधित 42 मांगों का प्रस्ताव पारित किया गया। अधिवेशन का उद्घाटन राष्ट्रीय पिछड़ावर्ग आयोग के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने किया। एमआईएम के अध्यक्ष व सांसद असुद्दीन ओवैसी, जस्टिस वी. ईश्वरय्या, जस्टिस वीरेंद्रसिंह यादव, राष्ट्रीय समाज पार्टी के महादेव जानकर, पूर्व मंत्री परिणय फुके, विधायक अभिजीत वंजारी, सुधाकर अडबाले, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, पूर्व विधायक डॉ. अविनाश वारजुरकर, श्रीनिवास गौड, केसना शंकरराव आदि उपस्थित थे।

केंद्र ने सकारात्मक योगदान दिया :आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहिर ने कहा कि, मोदी सरकार ने ओबीसी समाज के लिए सकारात्मक योगदान दिया है। सांसद ओवैसी ने कहा कि, देश में ओबीसी समाज 52 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन 5 प्रतिशत सवर्ण समाज बहुसंख्यक समाज पर अन्याय कर रहा है। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाड़े ने कहा कि, जातिगत जनगणना किए बिना ओबीसी की समस्याएं हल नहीं होंगी। हर साल देश के विविध भागों में हम ओबीसी अधिवेशन आयोजित कर रहे हैं। अधिवेशन सिर्फ निमित्त मात्र है। इस माध्यम से देश के कोने-कोने में ओबीसी बंधुओं तक पहुंचने का प्रयास है। ओबीसी समाज में ऊर्जा व जागरूकता निर्माण करना उद्देश्य है। आखरी सांस तक ओबीसी समाज के लिए लड़ते रहूंगा। प्रस्तावना राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के महासचिव सचिन राजुरकर ने रखी। कार्यक्रम में शरद वानखेड़े, शकील पटेल, प्रा. शेषराव येलेकर, गुनेश्वर आरीकर, सुषमा भड़, कल्पना मानकर, प्रकाश भागरथ, प्रकाश साबले, एड. पुरुषोत्तम पाटील, भालचंद्र ठाकरे, दिनेश चोखारे, चेतन शिंदे आदि उपस्थित थे।

Created On :   8 Aug 2023 12:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story