- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- पेंच में अवैध शिकार के मामले और बढ़े
पेंच में अवैध शिकार के मामले और बढ़े
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर जिले के पेंच व्याघ्र प्रकल्प में अवैध शिकार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पैंगोलिन से लेकर बाघों तक का शिकार हो रहा है। ऐसे में यहां अवैध शिकार करने वाले गिरोह को सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि कुछ मामलों में पेंच प्रशासन ने कुछ शिकारियों को पकड़ा भी है, लेकिन अवैध शिकार के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
कम हो रही वन्यजीवों की संख्या : महाराष्ट्र का पेंच 7 सौ से ज्यादा स्क्वेयर किमी में फैला जंगल है। यहां दो बीट हैं, जिसमें 6 से ज्यादा गेट हैं। गेट में पवनी युनी कंट्रोल, देवलापार, ईस्ट पेंच, चोरबाहुली, सालेघाट बीट आती है। ऐसे में यहां हर साल बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद रहती है। लेकिन यहां बाघों की संख्या कम होते दिखाई दे रही है, जिसका एक कारण अवैध शिकार भी है। केवल बाघों का ही नहीं, पेंच में अन्य वन्यजीवों का भी शिकार हो रहा है।
वर्ष 2020 की बात करें तो 18 मई 2020 को यहां एक पैंगोलिन का अवैध शिकार हुआ था। हालांकि आरोपियों को वन विभाग ने पकड़ लिया था, जिन पर कार्रवाई भी की गई थी। 2020 के नवंबर महीने में इलेक्ट्रिक तारों से करंट लगने से सांबर की मौत हुई थी। इसके आरोपियों को भी वन विभाग ने पकड़ा था।
वर्ष 2022 में मामलों में अचानक वृद्धि होते देखी गई। इसी साल दो अवैध शिकार के मामले पेंच में सामने आए हैं, जिसमें पहला मामला 17 फरवरी को उजागर हुअा था। इसमें एक पैंगोलिन का शिकार किया गया था। इसी साल 29 नवंबर को बाघ के शिकार का मामला सामने आया था, जो सुरेवानी परिसर में हुआ था।
वर्ष 2023 में मामले और भी बढ़े हैं। अभी तक 3 शिकार के मामले दर्ज हैं। इसमें बाघ का शिकार भी शामिल है। 12 जनवरी को सालई क्षेत्र में एक वयस्क बाघ के शिकार का मामला हुआ है। इसी तरह 14 फरवरी को जंगली कुत्ते का शिकार किया गया था, जो कि ट्रैप में फंसी अवस्था में वन विभाग को मिला था। इसी महीने में 25 फरवरी को इंडियन पॉक्युपाइन का भी शिकार हुआ था।
Created On :   29 Jun 2023 3:37 PM IST