एजुकेशन लोन का झांसा देकर कंपनी ने उठाया पर्सनल लोन, 37.66 लाख की ठगी

एजुकेशन लोन का झांसा देकर कंपनी ने उठाया पर्सनल लोन, 37.66 लाख की ठगी
  • प्रशिक्षण के बाद अच्छी नौकरी िमलने का किया था वादा
  • 15 प्रशिक्षणार्थियों को बनाया शिकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कर्नाटक के बंगलुरु की एक कंपनी का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। शैक्षणिक (एजुकेशन) लोन का झांसा देकर कई प्रशिक्षणार्थियों के नाम पर कंपनी ने पर्सनल लोन उठाया है। दर्जन भर पीड़ितों ने शिकायत की है। एमआईडीसी थाने में मंगलवार को प्रकरण दर्ज किया है। मामला लाखों रुपए से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच सौंपी गई है।

36 महीने में लोन की किस्त भरनी थी : आरोपी श्रीनिवास कल्याण बंगलुरु कर्नाटक निवासी है। वह गिकलर्न एजुकेशन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड का संचालक है। कंपनी ऑनलाइन डेटा साइंस आर्किटेक्स प्रोग्राम कोर्स का ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का काम करती है। एडमिशन फीस 2 लाख 78 हजार रुपए है। इसके लिए श्रीनिवास की कंपनी संलग्न फाइनेंस कंपनी से शैक्षणिक लोन भी प्रदान करती थी। इसके लिए प्रशिक्षणार्थी को नौकरी मिलने के बाद 36 महीने में लोन की किस्त भरनी थी। एक वर्ष के भीतर नौकरी नहीं मिलती है, तो पूरा लोन भरने की जिम्मेदारी श्रीनिवास के कंपनी की थी। प्रशिक्षण काल के दौरान स्टायफंड देने का भी वादा किया गया था।

लोन वसूली के लिए पीछे पड़ीं कंपनियां : इस बीच संबंधित फाइनांस कंपनियां लोन की वसूली के लिए प्रशिक्षणार्थियों के पीछे पड़ी हुई हैं। प्रशिक्षणार्थियों का कहना है कि उन्होंने संबंधित कंपनियों से कोई लोन नहीं लिया है। उल्टा कंपनी ने विविध वादे कर उन्हें 37 लाख 66 हजार रुपए से चूना लगाया है। घटित वाकये से प्रशिक्षणार्थियों में से 15 ने इसकी शिकायत की। मामला लाखों रुपए के लेन-देन से जुड़ा होने के कारण अपराध शाखा के आर्थिक विभाग को इसकी जांच सौंपी गई है। एमआईडीसी थाने में मंगलवार को प्रकरण दर्ज किया गया है।

बीच में ही कंपनी बंद हो गई : वानाडोंगरी निवासी गौरव नागेंद्र कुमार श्रीवास्तव (39) सहित कई प्रशिक्षणार्थियों ने गिकलर्न कंपनी में आवेदन किया था। आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, फोटो और डिजिटल हस्ताक्षर कंपनी को दिए थे। यह बात 25 सितंबर 2022 से 10 जून 2023 तक की है, मगर गिकलर्न कंपनी के संचालक श्रीनिवास ने प्रशिक्षणार्थियों से दगाबाजी करते हुए उनके नाम पर शैक्षणिक के बजाए विविध निजी फाइनांस कंपनियों से ज्यादा ब्याज दर पर पर्सनल लोन ले लिया। इस बीच गिकलर्न कंपनी ने कोई प्रशिक्षण नहीं दिया। स्टायफंड भी नहीं मिला, जबकी एडमिशन करते वक्त प्रशिक्षण पूरा होने पर अच्छे-खासे वेतन पर भी किसी भी कंपनी में नौकरी मिलने का वादा किया गया था, मगर बीच में ही कंपनी बंद हो गई।



Created On :   28 Jun 2023 10:14 AM IST

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