कलेक्ट्रेट से गोसीखुर्द प्रकल्प का ऑफिस होगा बंद

कलेक्ट्रेट से गोसीखुर्द प्रकल्प का ऑफिस होगा बंद
9 लोगों का है स्टाफ

डिजिटल डेस्क, नागपुर । गोसीखुर्द पीड़ितों के अधिकार के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया गोसीखुर्द प्रकल्प (पैकेज) ऑफिस 31 अगस्त को बंद हो जाएगा। फिलहाल इस ऑफिस में एक उपजिलाधीश, एक नायब तहसीलदार समेत 9 लोगों का स्टाफ है। इन सभी को जिलाधीश कार्यालय परिसर स्थित विविध कार्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा।

एक्सटेंशन सरकार पर निर्भर : गोसीखुर्द प्रकल्प से नागपुर समेत तीन जिले के लोग प्रभावित हुए थे। नागपुर जिले के करीब 100 गांव सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे। सरकार ने इनके राहत व पुनर्वसन का रोड मैप तैयार किया था, उसी समय पैकेज की योजना भी बनाई थी। पीड़ितों के िलए जो पैकेज होते हैं, उसका लाभ पीड़ितों को दिलाने व उस पर अमल करने का काम राहत व पुनर्वसन विभाग का होता है। पिछले 15 साल से कलेक्ट्रेट में गोसीखुर्द (पैकेज) का ऑफिस है। उपजिलाधीश स्तर का अधिकारी कार्यालय प्रमुख होता है। फिलहाल यहां उपजिलाधीश दीपमाला चौरे पदस्थ हैं। 1200 करोड़ का पैकेज था, जो लगभग पूरा हो गया है। अब इस ऑफिस की जरूरत भी खत्म हो गई है। इसे देखते हुए शासन-प्रशासन ने 31 अगस्त को यह ऑफिस बंद करने का निर्णय लिया है। स्टाफ को कलेक्ट्रेट में अन्य विभागों में समाहित किया जाएगा। अगर सरकार चाहे तो इस ऑफिस को एक साल का एक्सटेंशन दे सकती है।

Created On :   23 Aug 2023 11:32 AM IST

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