याचिका पर संज्ञान , अंबाझरी पुलिस को हाई कोर्ट का आदेश

याचिका पर संज्ञान ,  अंबाझरी पुलिस को हाई कोर्ट का आदेश
अदालत की अनुमति के बगैर मामले में दायर न करें चार्जशीट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंबाझरी स्थित डॉ.बाबासाहब आंबेडकर सांस्कृतिक भवन तोड़ने के मामले में आरोपी बनाए गए मेसर्स गरुड़ा एम्युजमेंट पार्क प्रा.लि के निदेशक नरेंद्र जिचकार, विजय शिंदे, प्रवीण कुमार अग्रवाल और प्रवीण जैन ने एफआईआर खारिज करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ की शरण ली है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाई कोर्ट ने प्रतिवादी राज्य सरकार और अंबाझरी पुलिस को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट की अनुमति के बगैर चार्जशीट प्रस्तुत न करने का आदेश दिया है।

बारिश से गिरी इमारत : अपनी याचिका में कंपनी के पदाधिकारियों ने दलील दी है कि 8 जून 2021 को तेज बारिश के कारण उक्त परिसर में काफी नुकसान हुआ था। कई वृक्ष तेज बारिश के चलते गिर गए और उक्त निर्माणकार्य भी इसी दौरान गिरा था। इस प्राकृतिक आपदा के कारण इमारत के गिरने में कंपनी का कोई हाथ नहीं था। उलट कंपनी ने इस बात की लिखित जानकारी भी एमटीडीसी को दी थी, लेकिन फरियादी ने इस घटना के लगभग 1 वर्ष के बाद इस मुद्दे को उठाया।

यह है मामला : गौरतलब है कि बीती 3 मई को नागपुर के जेएमएफसी न्यायालय ने अंबाझरी पुलिस को मेसर्स गरुड़ा एम्युजमेंट पार्क प्रा.लि के निदेशकों पर एफआईआर दर्ज करके जांच करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने शहर के प्रताप नगर रोड निवासी राजेश गजघाटे ने की शिकायत पर यह आदेश जारी किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, शहर के अंबाझरी उद्यान परिसर में डॉ.बाबासाहब आंबेडकर सांस्कृतिक भवन स्थित था। डॉ.बाबासाहब आंबेडकर की याद में नागपुर महानगरपालिका ने इस परिसर में वर्ष 1975 में सांस्कृतिक भवन बनाया था। लेकिन हाल ही में एमटीडीसी ने इस परिसर में दुकानें, एम्फिथिएटर और अन्य विकासकार्य करने का फैसला लिया है। इसके लिए मेसर्स गरुड़ा एम्युजमेंट पार्क नामक कंपनी को ठेका भी दिया गया है। वर्ष 2021 में कंपनी के पदाधिकारियों ने अचानक एक दिन अवैध तरीके से इस भवन को तोड़ दिया। पुलिस ने जब फरियादी की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने जेएमएफसी न्यायालय की शरण ली थी।

Created On :   27 July 2023 10:54 AM IST

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