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एम्स में इंजेक्शन खरीदी घोटाला, 2आरोपी गिरफ्तार
- एक इंजेक्शन तीन लोगों को लगाने की शिकायत
- पुलिस ने एम्स के ही दो लोगों पर की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के सरकारी अस्पतालों में घोटाले कम होने का नाम नहीं ले रहे। कुछ महीने पहले इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेयो) में कर्मचारियों का हाजिरी घोटाला उजागर हुआ था। बीते सप्ताह शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में भुगतान रसीद का घोटाला दैनिक भास्कर ने उजागर किया था। अब भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इंजेक्शन खरीदी घोटाला सामने आया है। सोनेगांव पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
ऐसे होता था खेल : सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एम्स में जिन मरीजों को एमआरआई बताया जाता था, ऐसे तीन मरीजों से जरूरी कॉन्ट्रास्ट इंजेक्शन मंगाए जाते थे। तीन इंजेक्शन आने के बाद एक ही इंजेक्शन तीन मरीजों को दिये जाते थे। बचे हुए दो इंजेक्शन जिस फार्मेसी से खरीदे गए थे, वहीं लौटा दिये जाते थे। इसके लिए एक दलाल की मदद ली जा रही थी।
शक के आधार पर निगरानी : एम्स की अमृत फार्मेसी अलग-अलग दिन एक ही व्यक्ति तीन बार इंजेक्शन व बिल लेकर पहुंचा। संदेह होने पर सुरक्षा रक्षकों की मदद से उस पर निगरानी रखी गई। पकड़कर पूछताछ की गई, तो उसके पास तीन से अधिक इंजेक्शन मिले। उसके मोबाइल फोन की जांच की गई, तो एम्स के ही एक कर्मचारी के उसके संपर्क में होने की बात सामने आई। एम्स प्रशासन ने इसकी शिकायत सोनेगांव थाने में की है। मामले में दो ठेका कर्मचारी रजत गिलडिया व सोबित उपरेती को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इंजेक्शन का यह फायदा : एम्स में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। रेडियोलॉजी विभाग के कुछ कर्मचारियों ने कमाई का नया फंडा शुरू कर दिया था। दरअसल, कॉन्ट्रास्ट इंजेक्शन देने पर एमआरआई के अतिसूक्ष्म चित्र स्पष्ट दिखाई देते हैं। इससे संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता। इसलिए यह इंजेक्शन लाने को कहा जाता है।
Created On :   28 Jun 2023 10:28 AM IST