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मनपा ने की तैयारी: कचरा संकलन को लेकर मनपा की नई योजना तैयार , हटाई जाएगी दोनों कंपनियां
- मनपा ने लिया दोनों एजेंसी को हटाने का फैसला
- पांच साल पूरे होने के बाद तीन माह के भीतर बदलाव
- टेंडर प्रक्रिया कर नई कंपनियों को जिम्मेदारी दी जाएगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका प्रशासन ने शहर में कचरा संकलन करनेवाली दोनों एजेंसी को हटाने का फैसला कर लिया है। इस दिशा में जल्द ही दोनों कंपनियों एजी एन्वायरों लिमीटेड और बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमीटेड की प्रलबंत रकम का भुगतान करने का निर्णय भी लिया है। वहीं दूसरी ओर दोनो कंपनी से जमा दंड की राशि से छोटे कचरा संकलन वाहनों को खरीदने का भी फैसला किया है। नवंबर माह में अनुबंध के पांच साल पूरे होने के बाद तीन माह के भीतरमनपा दोनों कंपनियों को हटाने का विचार कर रही है।
पिछले माह मनपा आयुक्त डॉ चौधरी ने बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमीटेड कंपनी पुणे के प्रबंध संचालक हनुमंतराव गायकवाड़, प्रबंधक रवि देशपांडे, एजी एन्वायरों कंपनी के निदेशक शीजू वर्गीस, प्रोजेक्ट संचालक डॉ समीर टोनपे के साथ बैठक की। बैठक में एजी एन्वायरों ने करीब 20 करोड़ रुपए और बीवीजी ने 17 करोड़ रुपए की एस्केलेशन राशि प्रलंबित होने का मुद्दा उठाया। इस पर आयुक्त् ने 3 माह में तीन किश्तों में भुगतान का आश्वासन दिया है। वित्त विभाग से 5 करोड़ रुपए प्रति कंपनी को प्रतिमाह भुगतान करने का निर्देश भी दिया है।
क्या होंगे विकल्प : पिछले साल भर में करीब 80 करोड़ रुपए की लागत से 50 योद्धा वाहन, निगरानी वाहन, टिप्पर, जेसीबी समेत अन्य वाहनों की खरीदी मनपा ने की है। इसके साथ ही शहर में सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को भी नियुक्त किया है। दोनों कंपनियों को हटाने के बाद जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया कर नई कंपनियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। सत्ताधारी दल के दो बड़े नेताओं के रिश्तेदारों की दो कंपनियां प्रक्रिया में हिस्सा ले सकती है। नई कंपनियों के आनेतक मनपा सफाई कर्मचारियों की सहायता से कचरा संकलन की योजना भी बना रही है।
तकनीकी कारणों से नवंबर तक इंतजार : साल 2019 में एजी एन्वायरों को पांच जोन से कचरा संकलन के लिए 1950 रुपए प्रतिटन और बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमीटेड कंपनी को 1800 रुपए मीट्रीक टन से जिम्मेदारी दी गई। दोनों कंपनियों की अोर से कचरा मिलाने, वाहनों की कमी और पर्याप्त प्रबंधन नहीं होने से मनपा की आमसभा में जांच समिति भी बैठाई गई थी। इसके बाद भी दोनों कंपनियों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होने से दंडात्मक कार्रवाई की गई। स्थानीय विधायकों, नगरसेवकों और अधिकारियों की नाराजगी के चलते मनपा ने दोनों कंपनियों को हटाने का फैसला किया है। हालांकि पांच साल के भीतर हटाने पर दोनों कंपनियों को मुआवजा देने की शर्त से बचने के लिए नवंबर में 3 माह का नोटिस देकर जनवरी से नई व्यवस्था लागू करने का प्रयास है। दोनाें कंपनियों के कानूनी पेंच से बचने के लिए साल भर से दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।
Created On :   9 Sept 2024 5:00 PM IST