रेल टिकट था न...देना होगा मुआवजा : हाई कोर्ट

रेल टिकट था न...देना होगा मुआवजा : हाई कोर्ट
घायल यात्री को मुआवजा देने से इनकार कर रहा था रेलवे प्रशासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे का वैध टिकट खरीद कर गलत ट्रेन में चढ़ने के कारण हादसे में मृत यात्री का परिवार मुआवजे का पात्र नहीं है, रेलवे की इस दलील को सिरे से खारिज करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता सविता विजय प्रकाश बिसेन व उनके परिवार को मुआवजे का हकदार माना है। हाई कोर्ट ने रेलवे को बिसेन परिवार को 8 लाख रुपए मुआवजा 9 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है।

दरअसल मध्यप्रदेश के बालाघाट के अत्री गांव के निवासी विजय प्रकाश बिसेन ने 4 फरवरी 2019 को गोंदिया से दुर्ग जाने के लिए द्वितीय श्रेणी का टिकट खरीदा था। मौजा धानौली के पास ट्रेन में झटका लगने से वह फिसल कर गिर पड़ा और इस हादसे में उसकी मृत्यु हो गई। मृतक के परिवार ने मुआवजे के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल की शरण ली। यहां से दावा खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मुआवजा देने का विरोध करते हुए रेलवे ने दलील दी कि विजय प्रकाश जन शताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। इस ट्रेन में कोई जनरल श्रेणी नहीं है, यह पूर्णत: आरक्षित एसी ट्रेन है। ऐसे में विजय प्रकाश ने चाहे ट्रेन का टिकट खरीदा हो, लेकिन वे गलत ट्रेन में चढ़ गए थे। इसलिए वे मुआवजे के हकदार नहीं हैं।

लेकिन हाई कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद माना कि मृतक के पास ट्रेन का टिकट मिलने से ये तो स्पष्ट है कि वह रेलवे का यात्री था। रहा सवाल जन शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा करने का, तो रेलवे द्वारा जारी टिकट में इसका कहीं उल्लेख नहीं था कि यह टिकट जन शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा करने के लिए वैध नहीं मानी जाएगी। साथ ही इसमें भी दो राय नहीं है कि यात्री ने इसी ट्रेन से गिर कर अपनी जान गंवाई थी, इसलिए रेलवे मुआवजा देने के अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हट सकता।

Created On :   8 Aug 2023 11:32 AM IST

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