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विदर्भ के सिंचाई प्रकल्प अधूरे, कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने विदर्भ के सिंचाई प्रकल्पों की वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी पेश करने का आदेश दिया है। लोकनायक बापूजी अणे स्मारक समिति की याचिका पर हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। याचिका में विदर्भ के अधूरे सिंचाई प्रकल्पों का मुद्दा उठाया गया है। उनके अनुसार विदर्भ का 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई से वंचित है, जिससे प्रतिवर्ष विदर्भ का 1 लाख करोड़ का नुकसान हो रहा है।
नजरअंदाज करने का आरोप : याचिकाकर्ता ने मुद्दा उठाया है कि 4 साल पहले राज्य सरकार ने उनकी एक अन्य याचिका पर विदर्भ के सिंचाई प्रकल्प निर्धारित समय में पूरे करने का आश्वासन न्यायालय को दिया था। इस दौरान जनमंच सामाजिक संस्था के कार्यकर्ताओं ने रुके हुए सिंचाई प्रकल्पों को भेंट दी। इसमें निकल कर आया कि सिंचाई प्रकल्प की परिस्थिति में संतोषजनक परिवर्तन नहीं हुआ। उनका 10 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने दोबारा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
विशेष समिति के लिए अर्जी दी : याचिकाकर्ता ने विदर्भ के अ श्रेणी के सिंचाई प्रकल्प जिनका फिलहाल काम शुरू है, उसकी देखरेख के लिए िवशेष समिति स्थापित करने के लिए न्यायालय में अर्जी दायर की थी। इस पर सरकार ने जवाब पेश किया है कि उन्होंने कुछ प्रकल्पों को ब श्रेणी में रखकर बंद कर दिया है, साथ ही अन्य प्रकल्प भी आगे बंद हाे सकते हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता ने नई अर्जी दायर करते हुए अ, ब और क श्रेणी के सभी प्रकल्पों पर नजर रखने के लिए विशेष समिति स्थापित कने की अर्जी दायर की। इसे मान्य करते हुए कोर्ट ने सुनवाई कुछ सप्ताह स्थगित की है।
Created On :   19 July 2023 10:45 AM IST