अड़ंगा: डेवलपमेंट रुका, प्लान अधर में

डेवलपमेंट रुका, प्लान अधर में
  • 2022 में करना था तैयार 2024 तक अब इंतजार
  • 50 वर्ष की आवश्यकताओं का अध्ययन किया जा रहा है
  • 20 वर्ष से अधिक का समय लग सकता है पूर्ण विकास में
  • 10 वर्ष में अनेक ग्रामीण इलाके शहर सीमा में हुए हैं शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले कई वर्ष से शहर विकास की रुपरेखा तैयार नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से कई इलाकों का सुनियोजित विकास अटका हुआ है। तकरीबन 30 वर्ष से अधिक समय से विकास की बाट जोह रहे नरसाला-हुडकेश्वर सहित शहर के कई इलाकों को अब विकास के लिए 2024 तक और इंतजार करना पड़ेगा। उम्मीद थी कि वर्ष 2022 में शहर का डीपी (डेवलपमेंट प्लान) तैयार कर लिया जाएगा। मंजूरी मिलने की भी संभावना जताई गई थी। नगर रचना विभाग को डेवलपमेंट प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2023 समाप्त होने को है, लेकिन डेवलपमेंट प्लान तैयार ही नहीं हुआ है।

शहर में शामिल, रिकार्ड में ग्रामीण

पिछले 10 वर्षों में अनेक ग्रामीण इलाकों को शहर सीमा में समाविष्ट किया गया। मनपा द्वारा इन इलाकों के निवासियों से लाखों रुपए संपत्ति कर के रूप में वसूले जा रहे हैं, लेकिन इन इलाकों के गृह संपत्ति धारकों को मिलनेवाली सुविधाएं अब भी उपलब्ध नहीं है। इन इलाकों की भू-संपत्ति के रिकार्ड अब तक सिटी सर्वे को हस्तांतरित नहीं हुए है। रिकार्ड में ग्रामीण इन इलाकों में राष्ट्रीयकृत बैंक, सार्वजनिक अस्पताल, मॉल सुविधा, सुलभ शाैचालय, बस स्टैंड, सरकारी विभागों के कार्यालय, गटर लाइन, स्ट्रीट लाइट आदि का अभाव है। बैंक कर्ज सुविधा का लाभ भी नहीं मिलता। सुविधाएं न होने के कारण यह इलाके अब भी पिछड़े हुए हैं।

कच्चा मसौदा भी अब तक तैयार नहीं

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शहर विकास का कच्चा मसौदा भी अब तक तैयार नहीं हो पाया है। हालांकि राज्य शासन द्वारा नागपुर का डीपी तैयार करने के लिए पहले ही व्यवस्था कर दी गई थी। इसके लिए ओवैस मोमिन नामक अधिकारी को जिम्मेदारी साैंपी गई थी। जानकारों ने बताया कि शहर के डेवलपमेंट प्लान का बेसिक तैयार नहीं हो पाया है, सर्वे शुरु है। डीपी में कई बड़े प्रकल्पों को शामिल किया जाना। परिपूर्ण डीपी वर्ष 2024 में ही तैयार हो सकेगा, जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए राज्य शासन के पास भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद ही नए डीपी के मुताबिक शहर में विकासकार्य शुरू होंगे, जो आगामी वर्ष 2042 तक संपन्न होंगे। अर्थात संतरानगरी को स्मार्ट सिटी बनाने के साथ-साथ सुनियोजित तरीके से विकसित करने में 20 वर्ष से अधिक का समय लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक नए डेवलपमेंट प्लान के तहत आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं का अध्ययन किया जा रहा है। इन 50 वर्षों में शहर की आबादी, भाैगोलिक विस्तार, जलापूर्ति, स्वच्छता, सड़कें, यातायात व्यवस्था, कर संग्रहण प्रणाली, मूलभूत सुविधाएं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, आदि मुद्दों का गहन अध्ययन कर रुपरेखा तैयार की जा रही है। इस प्रक्रिया में और कई माह का वक्त लगेगा जिसके बाद ही शहर का नया डेवलपमेंट प्लान मंजूरी के लिए राज्य शासन के पास भेजा जा सकेगा।

Created On :   5 Oct 2023 10:48 AM IST

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