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आरोप: मर्जी के ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने नागपुरवासियों को ढकेला बाढ़ में
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपने मर्जी के ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नागपुर के विकास का ढिंढोरा पीटकर नागपुर में सीमेंटीकरण और पर्यावरण को ठेंगा दिखाकर नागपुर को बाढ़ परिस्थिति में ढकेलने का पाप स्थानीय राजनीतिक नेतृत्व ने किया है। यह आरोप विधानपरिषद में विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने लगाया। दानवे ने मंगलवार को नागपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेकर पीड़ितों से बात की। बाद में वे नागपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
लग रहा प्रशासन इंतजार कर रहा था : विरोधी पक्षनेता दानवे ने इस घटना के लिए नागपुर महानगरपालिका और नागपुर सुधार प्रन्यास को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रशासन की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी है कि लग रहा प्रशासन घटना होने का इंतजार कर रहा था। महानगरपालिका ने नागरिकों के नुकसान के पंचनामे किए, लेकिन अभी तक नागरिकों तक मदद नहीं पहुंची। अंबाझरी तालाब की सुरक्षा दीवार टूटने से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। इस दीवार का काम चार चरणों में होना था। पहले चरण का काम पूरा होने के बाद दूसरे, तीसरे, चौथे चरण की ओर नजरअंदाज किया गया। दानवे ने कहा कि फिलहाल बाढ़ के कारण पहले चरण का काम दोबारा करने की स्थिति आ गई है। इस सुरक्षा दीवार के चारों चरणों का काम नया डीपीआर बनाकर काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इस कार्य में हमारा सहयोग रहेगा। यह सूचना भी जिलाधिकारी को दी गई।
अतिआत्मविश्वास ले डूबा : दानवे ने कहा कि प्रशासन पर नियंत्रण नहीं होना, अतिआत्मविश्वास और विकास की सिर्फ बातों ने नागपुरवासियों को बाढ़ में ढकेल दिया है। यह दुर्भाग्य है। इस अवसर पर संपर्क प्रमुख व विधायक दुष्यंत चतुर्वेदी, पूर्व सांसद प्रकाश जाधव, जिला संगठिका सुरेखा खोब्रागडे, पूर्व विदर्भ महिला संगठिका शिल्पा बोडखे, सतीश हरडे आदि उपस्थित थे।
शिवसेना विधायकों की अपात्रता की सुनवाई पर साधा निशाना : अंबादास दानवे ने इस दौरान शिवसेना विधायकों की अपात्रता की सुनवाई पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ट्रिब्यूनल है। अथॉरिटी नहीं। इसके बावजूद कानून का अर्थ निकालना समझ में नहीं आ रहा। अध्यक्ष को जो निर्णय देना है दें। हमारे पक्ष में दे या उनके पक्ष में, हमारा कुछ कहना नहीं है। लेकिन कानून की कसौटी पर निर्णय दें। फैसले की तारीख नहीं बता सकते।
अभी प्रक्रिया कैसी करनी है, इसमें ही अध्यक्ष भ्रमित है। अध्यक्ष पर किसका दबाव है, वे किससे मिले है, यह पता चलना चाहिए। दानवे ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष पर भाजपा का दबाव है क्या, इसकी जानकारी सामने आनी चाहिए।
Created On :   27 Sept 2023 11:55 AM IST