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मांग: मराठा आरक्षण पर सरकार की भूमिका नागवार, लामबंद हो रहे अनेक समाज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुणबी समाज को दिया जा रहा आरक्षण मराठा समाज को लागू करने पर राज्य सरकार चारों ओर से घिर गई है। ओबीसी समुदाय सरकार की भूूमिका के विरोध में उतर गए हैं। निजाम काल के दस्तावेज का आधार लेकर राज्य सरकार ने कुणबी समाज का आरक्षण मराठा समाज को लागू करने का जारी शासनादेश तत्काल रद्द करने की माली महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश ठाकरे ने पत्र परिषद में मांग की।
स्वतंत्र आरक्षण का विरोध नहीं
ठाकरे ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण का विरोध नहीं है। सरकार चाहे तो ओबीसी आरक्षण के नहीं छेड़ते हुए अलग से प्रवर्ग बनाकर आरक्षण दें। ओबीसी कोटे से मराठा समाज को आरक्षण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खुले वर्ग से ईडब्ल्यूएस आरक्षण मराठा समाज को लागू है, उसे बढ़ाने पर हमें कोई एतराज नहीं है।
तर्क... माली समाज का सबसे बड़ा नुकसान : ठाकरे ने बताया कि माली समाज को ओबीसी आरक्षण लागू है। राज्य के ओबीसी समुदाय में माली समाज की जनसंख्या 14 फीसदी और देश में 17 फीसदी है। मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण देने पर सबसे बड़ा नुकसान माली समाज का है। माली समाज सरकार की इस भूमिका के विरोध में है। 17 सितंबर को संपूर्ण महाराष्ट्र में धरना से लाक्षणिक आंदोलन की शुरुआत हो रही है। राज्य सरकार जब तक शासनादेश रद्द नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। पत्र परिषद में अरुण तीखे, रवींद्र अंबाडकर, मुकुंद पोटदुखे, संध्या गुरनुले, विशाल गणगने, शंकर चौधरी आदि उपस्थित थे।
तेली समाज भी विरोध में उतरा मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण लागू करने पर तेली समाज भी सरकार के विरोध में उतर गया है। सर्वशाखीय तेली समाज की जवाहर विद्यार्थी गृह, सिविल लाइंस में हुई बैठक हुई। मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण न देने, बिहार की तर्ज पर ओबीसी की जातिगत जनगणना करने व संविधान चौक में चल रहे ओबीसी बचाओ आंदोलन को समर्थन का प्रस्ताव मंजूर किया गया। बैठक में रमेश गिरडे, सुभाष घाटे, ईश्वर बालबुधे, शेखर सावरबांधे, उमेश शाहू, गंपूजी घाटोले, गंगाधर रेवतकर, बलवंत माेरघड़े, रवींद्र येनूरकर, कृष्णा बेले, मंगला गवरे, रेखा भोंगाड़े, विलास मुंडले, सतीश देउलकर, गजानन भजबुजे आदि सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।
धनगर आरक्षण का मुद्दा भी गर्माया : मराठा आरक्षण को लेकर राज्यभर में गर्मा रहे मुद्दे के बीच अब धनगर आरक्षण की मांग ने भी जोर पकड़ा है। धनगर को अनुसूचित जनजाति (एसटी) से आरक्षण देने की मांग धनगर समाज संघर्ष समिति के संस्थापक अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. विकास महात्मे ने की है। उन्होंने कहा कि पिछले 75 साल से धनगर समाज को एसटी आरक्षण से वंचित रखा गया है। पिछले अनेक वर्षों से धनगर समाज अलग-अलग प्रकार से आंदोलन कर शासन का ध्यान अपनी ओर खिंच रहा है। किन्तु महाराष्ट्र व केंद्र सरकार हर बार नजरअंदाज कर रही है, जिस कारण समाज की भावना तीव्र हो गई है। पूर्व सांसद ने चेतावनी दी कि धनगर समाज को आक्रामक कदम उठाने के लिए मजबूर न किया जाए। यह असंतोष कभी भी भड़क सकता है। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार जिम्मेदार रहेगी। इस संबंध में िजलाधिकारी को एक निवेदन देकर उन्होंने धनगर समाज को एसटी से आरक्षण देने सहित विविध मांगें रखीं।
Created On :   13 Sept 2023 1:11 PM IST