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दंत चिकित्सा शास्त्र में कौशल आधारित पाठ्यक्रम की जरूरत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में 8 लाख डेंटिस्ट और दंत चिकित्सा शास्त्र में कौशल आधारित पाठ्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है, जिससे प्रतिभाशाली को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। बाजारों में सहजता से उपलब्ध होने वाला तंबाकू व तंबाकूजन्य पदार्थ, विज्ञापन का प्रलोभन व एक बार स्वाद लेने की चाहत आदि कारणों से स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों में तंबाकू व खर्रा खाने का प्रमाण बढ़ रहा है। इस कारण मुंह की बीमारियों का प्रमाण भी बढ़ रहा है। इन बीमारियों का समय पर उपचार करने के लिए हर गांव में डेंटिस्ट की आवश्यकता है। शासकीय दंत महाविद्यालय व अस्पताल में प्री ओरल कैंसर की जांच व उपचार के लिए उठाया गया कदम सराहनीय है। कैंसर की बीमारियों को लेकर स्वदेशी उपचार की दिशा में सरकार का प्रयास जारी है। ऐसा केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा।
तीनों विभागों में अत्याधुनिक उपकरण
शासकीय दंत महाविद्यालय व अस्पताल (डेंटल) में प्री ओरल कैंसर की समय पर जांच व उपचार के लिए अत्याधुनिक मशीनों को लगाया गया है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के हाथों डेंटल हॉस्पिटल में तीन नए यूनिट का लोकार्पण हुआ। नए यूनिट में ‘टोबैको सीजेशन सेंटर’, ‘सेंटर आॅफ एक्सेलेंस फॉर ओरल प्री-कैंसर व कैंसर’ और ‘सेंटर आॅफ एक्सेलेंस फॉर रिजनरेटिव पेरिओडेंटोलॉजी’ का समावेश है। इस अवसर पर पूर्व विधायक आशीष देशमुख, आदिवासी विभाग के अपर आयुक्त रवींद्र ठाकरे, शासकीय दंत महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अभय दातारकर, डॉ. मंजूषा वर्हाडपांडे शासकीय आयुर्वेद अस्पताल के अधिष्ठाता डॉ. सुभाष राऊत उपस्थित थे। संचालन डॉ. वैभव कारेमोरे ने किया। कार्यक्रम में पूर्व अधिष्ठाता डॉ. विनय हजारे लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया।
मॉनिटर से पता चलता है व्यसन
डॉ. रवींद्र ठाकरे ने कहा कि आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों के नागरिकों में दांतों की बीमारियों का प्रमाण बढ़ रहा है। सर्वेक्षण के दौरान चौंकानें वाले आंकड़े सामने आए थे, इसलिए उनकी नियमित जांच व उपचार का प्रबंध किया गया है। गंभीर बीमारियों के मामले में दंत चिकित्सालय की मदद ली जा रही है। विभाग प्रमुख डॉ. प्रशांत पंडलीवार ने बताया कि ‘सेंटर आॅफ एक्सेलेंस फॉर ओरल प्री-कैंसर, कैंसर’ यूनिट के ‘ओटू’ उपचार पद्धति से मुख पूर्व कैंसर व मुंह के कैंसर का उपचार करना आसान हो चुका है। 20 मिनट के लेजर उपचार के कारण 15 दिन में मरीज स्वस्थ हो सकता है।
कृत्रिम हड्डियों का निर्माण
ओरल मेडिसिन व रेडियोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. असिता कलसकर ने बताया कि दंत चिकित्सालय के तल माले पर तंबाकू व्यसन मुक्ति केंद्र शुरू किया गया है। इस केंद्र में कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) मॉनिटर मशीन से व्यक्ति के व्यसन के प्रमाण की जानकारी कुछ ही मिनटों में मिल जाती है। डॉ. विवेक ठोंबरे ने बताया कि दातों की बीमारियों में दातों के गलने की बीमारियाें का प्रमाण बढ़ा है। कई बार कृत्रिम दातों का रोपण करने के लिए आवश्यक प्रमाण में हड्डियां उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। इसके उपचार व अनुसंधान के लिए ‘सेंटर आॅफ एक्सेलेंस फॉर रिजनरेटिव पेरिओडेंटोलॉजी’ विभाग की शुरुआत की गई है। इस विभाग में दातों के लिए कृत्रिम हड्डियों का निर्माण किया जा सकेगा। राज्य का यह पहला केंद्र है।
Created On :   26 Aug 2023 3:39 PM IST