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आरटीओ में पसरा सन्नाटा, पुलिस ने तेज की जांच
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीओ के वरिष्ठ अधिकारी रवींद्र भुयार द्वारा महिला सहकर्मी को उत्पीड़न का शिकार बनाने की खबर के बाद प्रादेशिक परिवहन कार्यालय व उप-प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में सन्नाटा नजर आया। अधिकतर अधिकारी-कर्मचारी कुर्सी से नदारद रहे। यहां आने वालों को ‘मामला गर्म है’ कहकर बैरंग लौटाया जा रहा था। अधिकारियों की लड़ाई का खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ा। इस कारण आरटीओ के दोनों कार्यालयों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित रहा। कुछ अधिकारी फोन पर भी संपर्क करने से कतराते रहे।
दो गुटों में वर्चस्व की लड़ाई : पीड़ित महिला अधिकारी द्वारा मामले का खुलासा करने के लिए बुधवार को पत्र परिषद का आयोजन किया जाने वाला था। इसमें कहा जा रहा था कि पीड़ित महिला अधिकारी, विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की भी पोल खोलेगी। हालांकि शहर का मीडिया दिनभर इस पत्र परिषद का इंतजार करता रहा, लेकिन पीड़िता मीडिया के सामने नहीं आई। दूसरी तरफ पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है। इस मामले में साक्ष्यों की सूची बनाई जा रही है, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। पीड़िता और आरोपी दोनों से ही अपने-अपने स्तर पर सबूत मांगे जाने की तैयारी है। जिसके आधार पर मामले की जांच आगे बढ़ेगी। आरटीओ के दाे गुटों में शुरू वर्चस्व के इस द्वंद के बीच कई तरह की कहानियां भी सामने आने लगी हैं।
विवाद के पीछे की दो कहानियां सामने आईं
25 करोड़ के बंटवारे पर विवाद : आरटीओ की यह छिछालेदार स्थिति पहले कभी नहीं हुई। इसका कारण जानने की जब कोशिश की, तो यह कहानी भी सामने आई। हालांकि यह बेहद चौंकानेवाली है। कहानी के मुताबिक अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर 2022 में अवैध वसूली से करीब 25 करोड़ रुपए हाथ लगे थे। एक महिला अधिकारी ने इस रकम पर हाथ साफ कर लिया। वसूली के मुख्य सूत्रधार को जब इसकी खबर लगी, तो उसने रकम हासिल करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए। इन्हीं हथकंडों को एसीबी की कार्रवाई, वसूली के काम से हटाए जाने आदि के रूप में देखा जा रहा है। दूसरी ओर महिला अधिकारी ने भी कई पैंतरे बदले, बचाव का प्रयास किया, तो कभी गंभीर आरोप लगाकर प्रतिद्वंदी को पटखनी देने की कोशिश हो रही है। और इसी लड़ाई के कारण सारा विवाद शुरू हुआ। हालांकि अधिकारी इस पर वर्जन देने और बात करने से बचते नजर आए।
वसूली की जिम्मेदारी पर विवाद : इस मामले में दूसरी कहानी भी सामने आई। नाकों पर वसूली का काम किस गुट का अधिकारी संभालेगा, इस पर भी पिछले दिनों विवाद हुआ है। एक गुट के पुराने कर्मचारी से यह जिम्मेदारी छीनकर अपने खास को दी, मगर दूसरे गुट ने अवैध तरीके से अपने आदमी को यहां तैनात करवा दिया। पर्दे के पीछे से आरटीओ का एक पूर्व अधिकारी ‘वसूली’ के गोरखधंधे को नियंत्रित कर रहा है। चेक पोस्ट से एंट्री के नाम पर हो रही वसूली हो या फिर ‘लिस्ट’ की वसूली, हर माह करोड़ों रुपए जमा हो रहे हैं। इस काम में जमा हो रही रकम की बंदरबांट भी जारी है। कथित पूर्व अधिकारी ने प्रतिद्वंदी को रास्ते से हटाने के लिए रसूख का इस्तेमाल कर अपने प्रतिद्वंदियों के तबादले करवा दिए। एक-दूसरे को सबक सिखाने में जुटे हुए हैं।
Created On :   27 July 2023 12:24 PM IST