धोखाधड़ी: 70 करोड़ का घपला , सरकार को करोड़ों की चपत

70 करोड़ का घपला , सरकार को करोड़ों की चपत
वसूली के निर्देश... कोई ऑफिस नहीं, फर्जी रेंट एग्रीमेंट के आधार पर लिया था जीएसटी नंबर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केवल कागज पर खरीदी-बिक्री का व्यवहार कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने का मामला नागपुर में सामने आया है। केंद्रीय वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने संबंधित पांच फर्मों पर टैक्स व जुर्माने सहित 70 करोड़ की वसूली का आदेश दिया। वसूली के लिए जाने पर पता चला कि नागपुर में संबंधित जगहों पर ऐसी कोई फर्म अस्तित्व में ही नहीं है। जिन रेंट एग्रीमेंट के आधार पर विभाग से जीएसटी नंबर लिए गए थे, वह रेंट एग्रीमेंट भी फर्जी निकले।

जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा : राजा सीमेंट हाउस, मे. भवानी इंटरप्राइजेस, देव अशोक अग्रवाल, श्री श्याम स्टील व मे. न्यू एज फाल्स सीलिंग प्रा. लि. ने रेंट एग्रीमेंट के आधार पर जीएसटी नागपुर से जीएसटी नंबर लिया आैर लोहा, प्लास्टिक व आयरन शीट का कारोबार किया। सामानों की खरीदी-बिक्री कर सरकार से इंपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लिया। चूंकि पूरा कारोबार चंद लोगों ने मिलकर केवल कागज पर किया आैर करोड़ों की आईटीसी का लाभ लेकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया। शिकायत मिलने के बाद जीएसटी ने जांच पड़ताल की, लेकिन संबंधित फर्मों का कोई भी संचालक जांच कार्य या सुनवाई में हाजिर नहीं हुआ। जीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त ने संबंधित पांच फर्मों पर 21 करोड़ की ड्यूटी (टैक्स) व 49 करोड़ का जुर्माना लगाया। 70 करोड़ की वसूली का आदेश जारी किया गया। जीएसटी के अधिकारी जब इन पांच फर्मों की बताई गई जगह पर पहुंचे तो पता चला कि इस तरह की कोई फर्म अस्तित्व में ही नहीं है। जो रेंट एग्रीमेंट थे, वह फर्जी निकले। एक रेंट एग्रीमेंट में जो मकान मालिक बताया गया है, उसका तो स्वर्गवास हो चुका है। सरकार को चूना लगाने वालों की किसी चल-अचल संपत्ति का पता अभी तक नहीं लगा है।

इसलिए बढ़ रहे ऐसे मामले : जीएसटी अधिकारी ने संबंधितों के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिल सकी हैै। अगर मामला पुलिस तक पहुंचा आरोपियों को दबोचने में आसानी हो सकती है। फेक आईटीसी के मामले दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। नागपुर समेत देश भर में एक लाख करोड़ के फेक आईटीसी के मामले होने की चर्चा है। सीधे पुलिस कार्रवाई नहीं होने से आरोपी का पर्दाफाश होने में देरी लगती है।

Created On :   16 Sept 2023 2:17 PM IST

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